क्यों भडक़ी हिंसा
गणतंत्र दिवस पर शुक्रवार को विद्यार्थी परिषद और हिंदूवादी संगठन तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे। बाइक यात्रा मुस्लिम बहुल मुहल्ला हुल्का में पहुंची तो वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारे के प्रतिरोध में एक समुदाय विशेष के एक युवक ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगा दिया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी होने लगी। देखते ही देखते पथराव होने लगा। तिरंगा यात्रा में शामिल कार्यकर्ता अपनी दो दर्जन बाइक छोड़ भागे। बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया और तोडफ़ोड़ की गई।
आगजनी और हिंसा
बवाल के बाद शहर भर में कई जगह आगजनी हुई। उपद्रवियों ने तहसील रोड पर फायरिंग कर दी। जिसमें गोली लगने से गली शिवालय रेलवे रोड निवासी चंदन गुप्ता पुत्र सुशील गुप्ता की मौत हो गई। जबकि युवक प्रिंस एवं नौशाद घायल हो गए। पथराव में आधा दर्जन चोटिल है। जिसमें कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। दोपहर के बाद समुदाय विशेष के एक धर्मस्थल के निचले भाग में आग लगा दी। कई अन्य स्थानों पर भी आगजनी का प्रयास किया गया है।
302 बोर से लगी गोली
एडीजी के मुताबिक मृतक के 302 बोर की गोली लगी है।
शनिवार को क्यों भडक़ी हिंसा
मृतक के परिवारी जनों को मुआवजे की मांग को लेकर शनिवार को फिर बवाल हुआ। अंत्येष्टि कर लौट रहे आक्रोशित लोगों ने सडक़ किनारे खड़ी दो बसों में लगाई आग, एक खोका फूंका। शहर के बाराद्वारी पर बर्तन की दुकान में शटर तोडकऱ तोडफ़ोड़ हुई। कई कस्बों के बाजार बंद है।
मृतक को शहीद का दर्जा देने की मांग
बवाल में मारे गए 16 वर्षीय चंदन गुप्ता के घर मातम पसरा हुआ है। इलाके के लोग चंदन गुप्ता को शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। इस मौत को लेकर भी सियासत शुरू हो चुकी है।
सांसद को क्यों बैठना पड़ा धरने पर
केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। एटा के सांसद,विधायक भी भाजपा के हैं। फिर भी दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में भाजपा सांसद राजवीर सिंह धरने पर बैठे हैं।
पूरे शहर में धारा 144 लागू
कासगंज शहर में कल से धारा 144 लागू है, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। कफ्र्यू लगाने और भारी सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद पुलिस उपद्रवियों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है।
अराजक तत्वों की करतूत
आईजी संजीव गुप्ता दोबारा हिंसा भडकऩे के बारे में कहते हैं कि ये अराजक तत्व हैं, अराजक तत्व मजा लेने के लिए इस तरह का कार्य कर रहे हैं। वे कहते हैं कि कोई खाली स्थान देखकर छोटी गुमटी में आग लगा देता है तो उसके लिए क्या किया जा सकता है।
क्या कहना है शासन का
इस पूरे प्रकरण पर उप्र शासन के एडिशनल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार का कहना है कि, यह पूर्व नियोजित हिंसा नहीं थी, जो हुआ अचानक हुआ. वहीं मुख्य सचिव (गृह) अरविंद कुमार का कहना है कि 12 से ज्यादा वाहनों व संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है।