scriptप्रॉपर्टी खरीदने की है प्लानिंग, तो जरूर पढ़े ये खबर, कहीं.. | Resale of property with fake registry documents in Lucknow six arrest | Patrika News

प्रॉपर्टी खरीदने की है प्लानिंग, तो जरूर पढ़े ये खबर, कहीं..

locationलखनऊPublished: Nov 08, 2017 06:45:44 pm

Submitted by:

Dhirendra Singh

प्रॉपर्टी की खरीद के समय रहें सावधान, यूपी पुलिस ने किया बड़ा खुलासा।

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लखनऊ. प्रॉपर्टी को लेकर लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ रही है। लोग जल्दी से जल्दी प्रॉपर्टी खरीद कर अपना मकान, बिजनेस सेटल करना चाह रहे हैं। लेकिन जलदीबाजी के चक्कर जालसाझ लोगों को अच्छी प्रॉपर्टी का लालच देकर करोड़ों रुपये का चुना लगा दे रहे हैं। लखनऊ पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग के महिलाओं समेत छह सदस्यों को पकड़ बड़ा खुलासा किया है। इस गैंग ने केवल राजधानी लखनऊ में करीब चार करोड़ रुपये की फर्जी प्रॉपर्टी लोगों को बेच दी। इस पर लोग अपना घर बना कर रह भी रहे हैं। लेकिन असलियत का खुलासा होने पर सभी के होश उड़ गए। वहीं पुलिस को इस गिरोह द्वारा पूरे यूपी के विभिन्न जिलों करीब 40 करोड़ रुपये की फर्जी प्रॉपर्टी बेचने का अंदेशा है।

एलडीए के अंदर साठ-गाठ कर करोड़ों का प्रॉपर्टी फर्जीवाड़ा
एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक पूर्व में मिली एक शिकायत के आधार पर गोमतीनगर थाना पुलिस ने बड़े स्तर पर फर्जी प्रॉपर्टी बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। प्रॉपर्टी का फर्जी मालिक बन करोड़ों रुपये की डीलिंग को अंजाम देने वाले गिरोह के मनोज कुमार सिंह, जियालाल उर्फ मिट्ठू, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, कृति दिवेदी, लक्ष्मी, शशि उर्फ प्रतिमा चंद्रा को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में अपनी सेटिंग कर ली थी। गिरोह के सदस्य एलडीए के अंदर पहुंच रखने वाले कर्मचारी की मदद से एलडीए से खाली प्लॉट के रजिस्ट्री पेपर निकलवा लेते थे। फिर उसकी क्लोन कॉपी गाजियाबाद, नोएडा में तैयार कराते थे। साथ जिन प्लॉट की रजिस्ट्री निकाली जाती थी, उसके परिवार की भी जानकारी एकत्रित करते थे। इसके बाद मूल रजिस्ट्री पेपर वापस एलडीए दफ्तर में जमा करा दिए जाते थे।

खुद बनते थे संपत्ति के फर्जी मालिक
गिरोह के सदस्य बारी-बारी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति के मालिक बन जाते थे। रजिस्ट्री वाले मूल नाम के आधार पर गिरोह एक खाता भी खोल लेता था। फिर बिल्कुल असली लगने वाले फर्जी दस्तावेज संपत्ति लेने वाले ग्राहकों को दिखाया जाता था। इसके आधार पर अपने नाम की रजिस्ट्री ग्राहकों को ट्रांसफर कर गिरोह ने लखनऊ में करीब चार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी बेच दी। कई खाली प्लॉट पर झांसे में आए ग्राहकों ने घर बनाकर रहना भी शुरु कर दिया है। वहीं प्रॉपर्टी के असली मालिकों को लखनऊ पुलिस की कार्रवाई के बाद इस बड़े फर्जीवाड़े का पता लगना शुरु हुआ है।

40 करोड़ का हो सकता है फर्जीवाड़ा
एसपी नार्थ अनुराग वत्स ने बताया कि आशंका है कि इस गिरोह के अभी कई सक्रिय सदस्य फरार है। एलडीए के कर्मचारी का अभी खुलासा नहीं है। अंदेशा है कि इस गिरोह ने यूपी के विभिन्न प्राधिकरणों के जरिये ऐसी वादातों को अंजाम दिया है। इस प्रॉपर्टी फर्जीवाड़े का दायरा लखनऊ, इलाहाबाद, गाजियाबाद, नोएडा समेत अन्य जिलों में 30 से 40 करोड़ का हो सकता है।

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