रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल भरत और महासचिव मोहम्मद तारिक अब्बास के हस्ताक्षरों वाला पत्र विश्वविद्यालय के उपकुलपति को भेजा गया है, जिसमें सुरक्षा किट की तत्काल मांग की गई है। केजीएमयू कर्मचारी परिषद ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया। परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने बताया कि थ्री लेयर मास्क जो सिर्फ 6 घंटों के लिए उपयोगी होता है, उसे पैरामेडिकल स्टाफ 8 से 10 घंटों तक उपयोग में लाने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा कि हम काम करते हुए अपना पूरा सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन हमारे लिए बिना सुरक्षा किट के काम करना संभव नहीं होगा। क्योंकि अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो स्टाफ के लिए भी खतरा बढ़ेगा। ऐसे में अगर पैरामेडिकल स्टाफ को मास्क, सैनिटाइजर और दस्ताने नहीं मिले तो काम का बहिष्कर भी किया जा सकता है। हालांकि, केजीएमयू प्रशासन अभी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहा है।
नर्स ने वीडियो जारी कर व्यवस्थाओं की खोली थी पोल
केजीएमयू के अलावा लखनऊ के ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएल) तक में डॉक्टर्स की ओर से सुरक्षा किट की मांग की गई है। रविवार को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्यरत नर्स शशि सिंह ने करीब 12 मिनट का एक वीडियो पोस्ट जारी कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को दिखाते हुए कहा था कि मैं इस समय ड्यूटी पर हूं। यह मेरा वॉर्ड है। हमारे यहां स्थिति यह है कि नर्सों के लिए कोई सुविधा नहीं है। एन-95 मास्क नहीं है। प्लेन मास्क मिलता है, ग्लव्स मिलते हैं, उसी से हम पेशेंट को हैंडल करते हैं। कहा कि नर्सों के पास जरूरी सुरक्षा किट नहीं है, फिर भी उनसे स्वाइन फ्लू और कोरोना के संदिग्ध मरीजों को हैंडल करने को कहा जाता है।
केजीएमयू के अलावा लखनऊ के ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएल) तक में डॉक्टर्स की ओर से सुरक्षा किट की मांग की गई है। रविवार को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्यरत नर्स शशि सिंह ने करीब 12 मिनट का एक वीडियो पोस्ट जारी कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को दिखाते हुए कहा था कि मैं इस समय ड्यूटी पर हूं। यह मेरा वॉर्ड है। हमारे यहां स्थिति यह है कि नर्सों के लिए कोई सुविधा नहीं है। एन-95 मास्क नहीं है। प्लेन मास्क मिलता है, ग्लव्स मिलते हैं, उसी से हम पेशेंट को हैंडल करते हैं। कहा कि नर्सों के पास जरूरी सुरक्षा किट नहीं है, फिर भी उनसे स्वाइन फ्लू और कोरोना के संदिग्ध मरीजों को हैंडल करने को कहा जाता है।
प्रधानमंत्री जी, बिना सुरक्षा कवच के कैसे करें काम
19 मार्च को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हो या फिर 29 तारीख का मन की बात कार्यक्रम, उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया था। साथ ही लोगों से भी उनका आभार व्यक्त करने को कहा था। साथ ही डॉक्टरों से मरीजों की सेवा में जुटे रहने का आवाहन किया था। लेकिन, जब कोविड-19 के जैसे महासंकट से लड़ रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास जरूरी सुरक्षा किट ही नहीं तो वह कैसे इस महामारी का मुकाबला कर पाएंगे।
19 मार्च को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हो या फिर 29 तारीख का मन की बात कार्यक्रम, उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया था। साथ ही लोगों से भी उनका आभार व्यक्त करने को कहा था। साथ ही डॉक्टरों से मरीजों की सेवा में जुटे रहने का आवाहन किया था। लेकिन, जब कोविड-19 के जैसे महासंकट से लड़ रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास जरूरी सुरक्षा किट ही नहीं तो वह कैसे इस महामारी का मुकाबला कर पाएंगे।