लखनऊ

आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर के निवासी, स्थापना के बाद से ही है उपेक्षित

लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर के निवासी सड़क, बिजली, पानी, टेलीफोन लाइन, नाली, सीवरेज लाइन, पार्किंग, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, फायर स्टेशन, पार्क, डाकघर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र जैसी मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं। यहां सड़कों के खस्ताहाल होने की वजह से आए दिन एक्सीडेंट, सड़क जाम एवं सड़कों के गड्ढों में ट्रकों व मालवाहक वाहनों का फंस जाना बहुत आम बात है।

लखनऊOct 16, 2021 / 10:10 pm

Vivek Srivastava

लखनऊ. राजधानी का ट्रांसपोर्ट नगर अपनी स्थापना के बाद से ही उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। यहाँ के निवासी और व्यापारी आज भी मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, पानी, टेलीफोन लाइन, नाली, सीवरेज लाइन, पार्किंग, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, फायर स्टेशन, पार्क, डाकघर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र आदि के लिए तरस रहे हैं।
ट्रांसपोर्ट नगर व्‍यापार मंडल एवं वेयर हाउस ओनर्स एशोसिएसन के अध्‍यक्ष टीपीएस अनेजा द्वारा बताया गया है कि लखनऊ जिला प्रशासन द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से ट्रांसपोर्ट नगर योजना का शुभारंभ 1982 में किया गया था। ट्रांसपोर्ट नगर आवंटियों की तरफ से ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मंडल एवं वेयर हाउस ओनर्स एशोसिएसन द्वारा विगत 35 वर्षों (1986) से लखनऊ विकास प्राधिकरण से अपनी आधारभूत संरचना से संबंधित समस्याओं जैसे सड़क, बिजली, पानी, टेलीफोन लाइन, नाली, सीवरेज लाइन, पार्किंग, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, फायर स्टेशन, पार्क, डाकघर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र आदि की मांग लगातार की जा रही है। यहां सड़कों के खस्ताहाल होने की वजह से आए दिन एक्सीडेंट, सड़क जाम एवं सड़कों के गड्ढों में ट्रकों व मालवाहक वाहनों का फंस जाना बहुत आम बात है। दिनांक 31 जनवरी 1997 को तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा शहर में स्थापित ट्रांसपोर्ट/एजेंसी/गोदाम/थोक व्यापारियों और उनसे जुड़े हुए अन्य कार्यों के लोगों को शहर से बाहर ट्रांसपोर्ट नगर योजना में विस्थापित करने का आदेश दिया था। लखनऊ विकास प्राधिकरण तथा लखनऊ नगर निगम किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी लेने या वादा निभाने को तैयार नहीं है। बहुत सारे आवंटी ऐसे हैं जिन्हें आज दिनांक तक कब्जा नहीं दिया गया है। वे विगत 3 दशकों से प्राधिकरण का चक्कर काट रहे हैं।
उपाध्यक्ष, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने दिनांक 18 सितंबर 2021 को जारी आदेश के द्वारा आवंटित भूखण्डों में लेवी लेते हुए मानचित्र स्वीकृति, फ्री-होल्ड, नामान्तरण, लीज बढ़ाने या अन्य समस्त कार्यवाही तत्काल रोक दी है। इस आदेश के क्रम में अपर सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ट्रांसपोर्ट नगर के आवंटियों को दिनांक 22 सितंबर 2021 को नोटिस भेजा है । जिसमें ट्रांसपोर्ट नगर योजना के अंतर्गत निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य न करने पर लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन एवं उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 18(4) के अधीन सम्पत्तियों को निरस्त कर पुनः प्रवेश किए जाने के संबंध में कहा गया है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि उपाध्यक्ष महोदय के आदेश में उल्लिखित “उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम -1973 धारा 18 (4)” का उल्लेख ट्रांसपोर्ट नगर के आवंटियों के साथ हुए रजिस्टर्ड लीज डीड में नहीं है। इस अधिनियम का उल्‍लेख करके प्राधिकरण द्वारा आवंटियों का मानसिक उत्पीड़न करने का प्रयास किया जा रहा है। इस विषय में 3 वर्ष पूर्व लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर योजना के आवंटियों को फ्री होल्ड किए जाने के संबंध में निर्णय लेने के लिए एक कमेटी गठित की थी। विदित हो कि लखनऊ विकास प्राधिकरण पिछले 3 वर्षों से ट्रांसपोर्ट नगर योजना में स्वयं फ्री होल्ड प्लॉट नए आवंटियों को बेच रहा है।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और सरोजनी नगर से विधायक स्‍वाति सिंह से मिलकर शिकायत की गयी मगर कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर लखनऊ के सांसद और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात कर उन्हें ट्रांसपोर्ट नगर की दयनीय दशा से अवगत कराया गया, बावजूद इसके यहाँ के हालात नहीं सुधर रहे।
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