(Sitapur Special )सीएम योगी ने सीतापुर में ₹484.41 करोड़ की लागत वालीं 167 परियोजनाओं लोकार्पण/शिलान्यास कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को घर की प्रतीकात्मक चाभी सौंपी तो मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, कन्या सुमंगला योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और आयुष्मान योजना के तहत पात्र लोगों को योजना का लाभ भी दिया। (Sitapur Special )जनसमूह के सामने साढ़े चार साल का लेखा-जोखा पेश करते हुए उन्होंने लोगों से भाजपा पर विश्वास बनाने के लिए आभार जताया तो विश्वास दिलाया कि सरकार एक-एक नागरिक के सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन को सुनिश्चित करेगी।
(Sitapur Special )नैमिष धाम को प्रणाम अर्पित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ पाने वाले जिलों में सीतापुर पहले नंबर पर है। साढ़े चार साल में यहां के सवा दो लाख परिवारों को “अपना घर” मिला तो उज्ज्वला योजना के माध्यम से 05 लाख परिवारों को रसोई गैस के मुफ्त कनेक्शन दिए गए हैं। पिछली सरकारों में सीतापुर की उपेक्षा पर दुःख जताते हुए सीएम ने कहा कि राजधानी लखनऊ के इतना निकट होने के बाद भी विकास की रोशनी यहां नहीं आई। (Sitapur Special )जनपद की बाढ़ की समस्या का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जब बाढ़ या बीमारी का प्रकोप आता था तो सरकारें कान में तेल डाल कर रजाई ओढ़ कर सो जाया करती थीं। हमने 2017 में यहां वादा किया था और आज बाढ़ की समस्या का निदान हो रहा है।
(Sitapur Special )जय श्री राम-वंदेमातरम के बीच जनता से लिया फीडबैक (Sitapur Special )उत्साह से लबरेज जन समूह से आतीं ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच योगी ने सपा, बसपा और कांग्रेस सरकारों की नीति और नीयत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने जनता से पूछा कि क्या कांग्रेस कभी कश्मीर से अनुच्छेद 370 का कलंक मिटा सकती थी? लोगों ने कहा नहीं, योगी ने फिर पूछा, क्या सपा-बसपा कभी अयोध्या में 500 साल का इंतज़ार खत्म कर राम मंदिर बनवाती, लोगों ने कहा कभी नहीं। योगी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है (Sitapur Special )जो देश की आकांक्षाओं को पूरा कर रही हम वरना, सपा सरकार में तो आतंकवादियों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाते थे। कावंड़ यात्रा पर रोक लगती थी। (Sitapur Special )आज होली, दिवाली हो या कोई अन्य पर्व-त्योहार सब हर्ष उल्लास के साथ शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो रहे हैं। किसी की हिम्मत नहीं कि कोई आस्था में खलल डाल सके। क्योंकि अगर कोई खलल डालने की सोचेगा तो उसकी जगह सिर्फ जेल होगी और “सीतापुर की जेल” तो इसके लिए विख्यात है।