बतादें कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार के नाम एक लेटर जारी हुआ। जिसमें लिखा गया कि उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र ६० से बढ़ा कर ६२ साल कर दी गई है। इस फर्जी आदेश को लेकर सचिवालय, निदेशालयों और अन्य कार्यालयों में अफरातफरी मची रही। कर्मचारियों में इसकी चर्चा आम हो गई। शासनादेश के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कर्मचारी इस आदेश की पुष्टि के लिए मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर नियुक्ति विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने के लिए फोन मिलाते रहे। काफी छानबीन के बात यह पता चला कि यह शासना देश जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वह फर्जी है। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह शरारती तत्वों की करतूत है।
इस संबंध में सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र का कहना है कि राज्य सरकार को इस मामले की जांच करनी चाहिए और इसके साथ ही ऐसी पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो। बतादें कि इस फर्जी लेकर के सोशल मीडिया में वायरल होते ही इस बात की चर्चा होने लगी की अब लगता है सरकार ने चुनाव पास होने के कारण ऐसा कर दिया हो। लेकिन बात में सच्चाई सामने आ गई और यह वायरल फर्जी निकला।