उत्तर प्रदेश में स्कूली लड़के और लड़कियों पर किये गये एक सर्वे में ऐसा खुलासा हुआ है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। ये सर्वे हाईस्कूल तक के बच्चों पर किया गया था। एक अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा किये गये इस सर्वे में 13 से 15 वर्ष की उम्र के लड़के और लड़कियों को शामिल किया गया था। इस सर्वे की खास बात ये थी कि इसमें शामिल होने वाले लड़के और लड़कियों की पहचान को उजागर नहीं किया गया है।
दरअसल, Global Young Tobacco Survey (GYTS) द्वारा कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक सर्वे कराया गया था। इस सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ था कि, उत्तर प्रदेश के 23 फीसदी छात्र हाईस्कूल तक पहुँचते-पहुँचते सिगरेट पीना शुरू कर देता है या फिर किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन शुरू कर देता है। इस अंतरराष्ट्रीय संस्था सर्वे के मुताबिक हाईस्कूल तक के तीन में से एक विद्यार्थी सिगरेट पीना शुरू कर देता है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है।
ज्यादातर घर से होती है शुरुआत Global Young Tobacco Survey (GYTS) ने जो रिपोर्ट पेश की उसमें काफी चौंकाने वाले आँकड़े मिले। इस रिपोर्ट के मुताबिक 37 फीसदी (37.4%) से ज्यादा छात्र सुरक्षित जगह की तलाश में अपने घर पर ही सिगरेट पीना शुरू करते हैं। जबकि करीब 20 फीसदी (19.8%) छात्र सिगरेट की पहली कश अपने दोस्तों के घर लेते हैं।
स्कूल भी मुफ़ीद जगह सर्वे के दौरान 13 फीसदी (13.5%) छात्रों ने स्वीकार किया कि वे स्कूल में सिगरेट पीते हैं, करीब 11 फीसदी (11.8%) छात्रों ने माना कि वे सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पी चुके हैं। वहीं करीब 9 फीसदी (8.9%) छात्रों ने सामाजिक समारोहों जैसे शादी विवाह आदि जगहों पर और करीब 10 फीसदी (9.7%) छात्रों ने कहीं भी सिगरेट पीने की बात को माना।
लड़कियों की संख्या ज्यादा GYTS की रिपोर्ट में एक जो सबसे चौंकाने वाली बात आयी है वो ये कि सिगरेट पीने वाले छात्रों में लड़कियों की संख्या ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस उम्र तक आते-आते प्रदेश के 23 फीसदी छात्र सिगरेट पीने लगते हैं। जिनमें 24 फीसदी लड़कियाँ और 22 फीसदी लड़के शामिल हैं।
13 से 15 आयु वर्ग के स्कूली छात्रों में हुआ सर्वे GYTS ने ये सर्वे 13 से 15 आयु वर्ग के स्कूल जाने वाले छात्रों पर किया था। सर्वे में लड़के और लड़कियाँ दोनों शामिल थे।