अभी इंसास राइफल प्रयोग कर रही है सेना :- इस वक्त दुश्मनों से मिल रही चुनौती से निपटने के लिए भारत की रक्षा सेनाओं के पास राइफलों की भारी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए भारतीय सेना ने यूएसए से फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत एमआईजी 716 राइफल का आर्डर किया था। पर अभी तक राइफल मुहैया नहीं हो सकी है। ऐसे में एके-203 राइफल भारतीय सेना को देश की सुरक्षा आतंकवाद से निपटने में काफी मदद करेगी। अभी तक इंसास राइफल का प्रयोग हो रहा है।
एके-203 राइफल की खासियत :- एके-203 राइफल 7.62 गुणा 39 एमएम कैलिबर की। इसकी रेंज करीब 500-800 मीटर है। इस राइफल से एक मिनट में 700 रांउड फायर होता है। एक मैंगजीन में 30 गोलियां होती हैं। यह वजन में हल्की है और इस्तेमाल करने में आसान है। इसका वजन 3.8 किलोग्राम होता है। 16.3 इंच इसका बैरल होता है। एके-203 राइफल तीन दशक पुराने इंसास की जगह लेगी। इस राइफल से सैनिकों की क्षमता में वृद्धि होगी। एक राइफल की कीमत करीब 80,000 रुपए होगी।
इंडो-रसियन जॉइंट लिमि प्रोजेक्ट :- इस परियोजना को इंडो-रसियन जॉइंट प्राइवेट लिमिटेड (Indo-Russian Rifles Private Ltd) के नाम से जाना जाएगा। यह राइफल एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, मियूनीशेंन्स इंडिया लिमिटेड (Munitions India Limited ) और रूस की रोसोबोरोन एक्सपोर्ट (Rosoboronexport) और कॉनकॉर्न कालाशनिकोव मिलकर बना रही हैं।
मार्च 2019 पीएम मोदी ने रखी थी नींव :- यह प्रोजेक्ट की योजना वर्ष 2018 में शुरू हुई थी। मार्च 2019 पीएम मोदी ने नींव की रखी। कीमत को लेकर दोनों देशों में चर्चा चल रही थी। भारतीय सेना इंसास की जगह 20 हजार एके-203 राइफल की पहली खेप लेगी। रुस से मंगवा कर इसे तीनों सेनाओं को सौंपा जाएगा।
वेब्ले स्कॉट रिवॉल्वर की खासियत :- संडीला में बनने वाली वेब्ले स्कॉट रिवॉल्वर की कैलिबर .32, मारक क्षमता 60 मीटर, कुल लंबाई 120.5 मिमी, बैरल की लंबाई 76.2 मिमी और भार महज 670 ग्राम है। यह रिवॉल्वर अब तक की सबसे हल्की रिवॉल्वर है। इसे महिलाएं भी आसानी से चला सकेंगी। इस रिवॉल्वर की कीमत 1.38 लाख रुपए है। 28 फीसद जीएसटी अलग से देना होगा।