scriptरीता बहुगुणा का शेल्टर होम्स मामले में विपक्ष पर हमला, लगाया बड़ा आरोप | Rita Bahugna Joshi over Shelter home rape case allegation on SP BSP | Patrika News

रीता बहुगुणा का शेल्टर होम्स मामले में विपक्ष पर हमला, लगाया बड़ा आरोप

locationलखनऊPublished: Aug 07, 2018 04:09:13 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

उन्होंने कहा कि देवरिया में संरक्षण गृह को मान्यता साल 2010 में मिल गई थी।

selection of women power center will be with in 15 days

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लखनऊ. बिहार के मुजफ्फरपुर के बाद यूपी के देवरिया के मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह में शेल्टर होम में लड़कियों के शारीरिक शोषण के खुलासे पर मंगलवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने विपक्ष पर मामले पर राजनीति करने व पूर्व की सरकारों पर शेल्टर होम्स को मदद करने का आरोप लगाया है।
सपा-बसपा ने इन शेल्टर होम्स का दिया बढ़ावा-

रीता बहुगुणा जोशी ने मंगलवार को लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो दल इस मामले में राजनीति कर रहे हैं, वे पहले ये बताएं कि किनके राज में ये शेल्टर होम बने व फले-फूले। उन्होंने कहा कि देवरिया में संरक्षण गृह को मान्यता साल 2010 में मिल गई थी। बसपा और सपा की सरकार में इस गृह को बढ़ावा मिला। 2017 में हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई द्वारा सभी बाल गृहों की जांच की बात सामने आई थी। मंत्री ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने 21 ऐसे गृहों की मान्यता समाप्त कर दी है। सपा और बसपा ने चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी में गलत लोगों को रखा था। हमारी सरकार मामले में 70 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। आपको बता दें कि 2010 में मायावती की बसपा यूपी की सत्ता पर काबिज थी।
रीता ने माना लड़कियों का हुई शोषण-

रीता बहुगुणा जोशी का मानना कि हालांकि अभी रिपोर्ट आना बाकी है, लेकिन उन्हें लगता है कि बच्चियों के साथ यौन शोषण हुआ है। मंत्री ने कहा कि अगर लड़की ने ऐसा आरोप लगाया है तो सरकार यह मानकर चल रही है कि ऐसा हुआ होगा। आपका बता दें कि मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच दल एडीजी अंजू सिंह के नेतृत्व में देवरिया गया था, जिसने उस शेल्टर होम में बच्चों का बयान भी दर्ज किया। इसी के साथ ही दस्तावेजों का भी निरीक्षण किया जिसमें 42 बच्चों के नाम थे, लेकिन मौके सिर्फ 3 लड़के और 20 लड़कियां ही मिलीं।
जांच दल से बात करने के बाद बहुगुणा ने सवाल उठाया कि मान्यता खत्म होने के बाद भी पुलिस द्वारा इस संस्था में बच्चे क्यों और कैसे भेजे गए इस बात की भी जांच होनी चाहिए। संस्था में केवल 23 बच्चे मिले तो अन्य कहां गए? उन्होंने आश्वासन दिया है कि 48 घंटों में इन बच्चों का पता चल जाएगा। डीपीओ, जिला प्रोबेशन अधिकारी और बाल अधिकारी की भी जांच हो रही है। मामले से संबंधित किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
सहायता उन्हें मिलेगी जो होंगे मानक अनुसार-

मंत्री ने यह भी कहा कि जिन बालिका संरक्षण गृहों में सुविधाएं अच्छी नहीं हैं, उन्हें मिलने वाली सरकारी सहायता रोक दी जाएगी। आगे तभी उन्हें सहयोग मिलेगा जब वो सभी मानकों पर खरे उतरेंगे।
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