फाइलेरिया के लक्षण
-सामान्यत: तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों का सूजन) के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
-सामान्यत: तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों का सूजन) के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
आंकड़ों की जुबानी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया पूरी दुनिया में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। वर्ष 2016 तक देश में प्रभावित जिलों में 6 करोड़ 30 लाख लोगों का उपचार किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर इस बीमारी से प्रभावित 256 जनपदों में से 100 जिलों में यह बीमारी तेजी से कम हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया पूरी दुनिया में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। वर्ष 2016 तक देश में प्रभावित जिलों में 6 करोड़ 30 लाख लोगों का उपचार किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर इस बीमारी से प्रभावित 256 जनपदों में से 100 जिलों में यह बीमारी तेजी से कम हुई है।
यूपी की स्थिति
प्रदेश के 51 जिलों में फ़ाइलेरिया रोग स्थानिक रूप से फैली हुई है, जिनमें से केवल रामपुर में एमडीए राउंड के माध्यम से संक्रमण का स्तर कम किया गया है। वर्ष 2017 के दौरान यूपी में लिंफोडिमा के 97,898 और हाइडड्रोसील के 25,895 मामले पूरे राज्य में सामने आए हैं।
प्रदेश के 51 जिलों में फ़ाइलेरिया रोग स्थानिक रूप से फैली हुई है, जिनमें से केवल रामपुर में एमडीए राउंड के माध्यम से संक्रमण का स्तर कम किया गया है। वर्ष 2017 के दौरान यूपी में लिंफोडिमा के 97,898 और हाइडड्रोसील के 25,895 मामले पूरे राज्य में सामने आए हैं।
अधिकारी बोले
फ़ाइलेरिया और कालाजार के संयुक्त निदेशक डॉक्टर विन्दु प्रकाश सिंह ने अपील की है कि फ़ाइलेरिया के लक्षण पता चलते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपना इलाज करवाएं। वहीं संचारी और वेक्टर बोर्न डिजीज के चिकित्सा विभाग की डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता की निगरानी में ही दवा लें और दूसरे लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
फ़ाइलेरिया और कालाजार के संयुक्त निदेशक डॉक्टर विन्दु प्रकाश सिंह ने अपील की है कि फ़ाइलेरिया के लक्षण पता चलते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपना इलाज करवाएं। वहीं संचारी और वेक्टर बोर्न डिजीज के चिकित्सा विभाग की डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता की निगरानी में ही दवा लें और दूसरे लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।