नहीं बन पा रही गड्ढा मुक्त सड़कें
अगर इस सड़क दर्घटनाओं की पिछले पांच वर्षों से तुलना की जाए तो इसका आंकड़ा और भी ज्यादा पाया जाएगा। गैरसरकारी संस्था शुभम् सोती फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि सड़कों पर मौजूद गड्ढों और तेज गति से गाड़ी चलाना मौत की वजह बन रही है। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग अभी भी गड्ढा मुक्त सड़कें नहीं बना पा रहा हैं और पुलिस व ट्रैफिक पुलिस भी गाड़ियों की रफ्तार पर लगाम नहीं लगा पा रही है। एनजीओ की रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसी सड़कें, जिन पर अधिकतम गति सीमा 60 किमी तय है, उन पर गड्ढे होना जानलेवा साबित हो रहे हैं।
उपभोक्ता फोरम में दर्ज कराई जा सकती है शिकायत
न्यायिक अधिकारी राजर्षि शुक्ला के अनुसार बताया गया है कि जाम में फंसने से किसी प्रकार का नुकसान होने, जैसे मीटिंग छूटना या बस-ट्रेन-फ्लाइट मिस होने पर उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। गड्ढों के कारण घायल हुए तो सड़कों पर गड्ढों में गिरकर चोटिल होने या कोई और दिक्कत होने पर उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। फोरम से पीड़ित को मुआवजा व दोषियों को आर्थिक दंड और जेल तक भी हो सकती है। केवल सम्बंधित मामले के दस्तावेज होने ही जरूरी है। इसके लिए आपको वकील की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जानें किस वर्ष में कितनी दुर्घटनाएं और मौतें हुई
2014 में 1303 दुर्घटनाएं 646 मौतें
2015 में 1393 दुर्घटनाएं 662 मौतें
2016 में 1519 दुर्घटनाएं 652 मौतें
2017 में 1539 दुर्घटनाएं 642 मौतें
2018 में 1001 दुर्घटनाएं 381 मौतें