हर साल जब बिजली कंपनियां अपने वार्षिक खर्चे का ब्यौरा (एआरआर) उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल करती हैं बिजली दरें बढ़ाने की अफवाहें उड़ाई जाती हैं। रविवार को कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली की दरें बढ़ाना सरकार के हाथ में नहीं होता है। बिजली कंपनियां इसका प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में करती हैं और नियामक आयोग इस पर फैसला करता है। आयोग से जो भी फैसला होगा जनता के हित में होगा। अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
जानें क्या है चुनौतियां
एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली आपूर्ति में रोस्टर व्यवस्था समाप्त कर सभी को 24 घंटे बिजली देने का आदेश कर दिया है। राज्य में बिजली की उपलब्धता और आधारभूत संरचना मजबूत है। प्रचंड गर्मी के बीच 24 घंटे बिजली देने के फैसले से चुनौतियां आई हैं। स्थानीय स्तर पर खंभा, केबिल और ट्रांसफार्मर में आने वाली दिक्कतों से स्थानीय स्तर पर कुछ देर के लिए बिजली की कटौती हो जाती है। बिजलीकर्मी दिन रात काम कर रहे हैं। महज कुछ घंटों में ट्रांसफार्मर बदल दिए जा रहे हैं। फाल्ट को तत्काल ठीक किया जा रहा है। गर्मी के कारण इस समय राज्य में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। 30600 मेगावाट से अधिक तक बिजली की मांग इस साल जा चुकी है।