पल्लेदारों के लिए तीन बच्चे लादकर 50 मीटर चलना तथा 50 किलोे के बोरे ट्राली में लादना। ग्र्रामीण श्रमिकों के लिए ईंट फेंकना, ईंट सिर पर ढ़ोना व 3 किमी दूधिया साइकिल रेस। बुजुर्गों व जनप्रतिनिधियों के लिए 500 मीटर पैदल वॉक। बच्चों के लिए गुल्ली डंडा, पैर मुठठी जम्प, एस एम एस करना तथा साइकिल टायर चलाने की प्रतियोगितायें करायी जायेंगी। ये आयोजन खेल भावना, ग्रामीण सामुदायिक मनोरंजन, स्वस्थ्य मानसिकता तथा आपसी मेल मिलाप का महत्वपूर्ण आयेाजन के रूप में जाना जायेगा।
उ.प्र. नॉन ओलम्पिक एसोसिएशन के महासचिव ए.के. सक्सेना ने बताया कि इस आयोजन में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र के साथ साथ विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार में मेंडल के स्थान पर उनके दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुयें यथा कम्बल, साड़ी, देशी धी, आचार, मुरब्बा, बस्ता, टिफिन तथा धनतेरस को ध्यान में रखते हुये बर्तन आदि दी जायेंगीे।