वीडियो जारी कर चर्चा में आई थीं वैशाली वैशाली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो मैसेज अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने यूक्रेन में फंसे होने की बात कही थी। इसके बाद उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया था। मैसेज में बताया गया कि ये लड़की हरदोई के ग्राम प्रधान और सपा नेता की बेटी है, जो सिर्फ राजनीतिक रूप से सरकार को बदनाम करने के लिए यूपी के अपने घर में बैठकर वीडियो बनाया है। यहां तक कि बीजेपी के विधायक तक ने बिना किसी पुष्टि के वैशाली के खिलाफ भ्रामक खबर फैला दी। जिसके बाद वैशाली ने एक अन्य वीडियो जारी तक तमाम ट्रोलर्स को नसीहत दी थी। उधर, वैशाली यादव यूक्रेन में रहते हुए वह ग्राम प्रधान पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन कैसे कर रही थीं, इन सब सवालों को लेकर प्रशासन ने जांच की रिपोर्ट के निर्देश दिए हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई की जद में वैशाली यूक्रेन से भारत लौटने के बाद वैशाली प्रशासनिक कार्रवाई की जद में आ गई हैं। दरअसल, ग्राम प्रधान बनने के बाद बिना सूचना विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने के मामले में मेडिकल छात्रा के खिलाफ अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी। एडीओ पंचायत रजनीकांत त्रिवेदी ने गुरुवार को वैशाली के गांव तेरा पुरसौली में जाकर जांच पड़ताल की। डीपीआरओ गिरीश चंद्र ने एडीओ पंचायत को प्राथमिकता के आधार पर मामले की जांच की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
सांडी ब्लॉक के ग्राम तेरा पुरसौली में ग्राम प्रधान बनने के बाद सितंबर 2021 में वैशाली एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने यूक्रेन चली गई थीं। यूक्रेन में रहते हुए वह अपने पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन कैसे कर रही थीं, उसकी अनुपस्थिति में विकास कार्य कैसे कराए गए, बिना प्रधान विकास कार्यों के लिए क्या कोई पैसा सरकारी खाते से निकाला गया, अगर निकाला भी गया तो कैसे आदि ऐसे तमाम सवालों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी है।