scriptबांदा में 8 साल के बच्चे की निर्मम हत्या, आंख और मुंह में डाला फेवीक्विक | Ruthless murder of 8 year old child in Banda and akhilesh statement | Patrika News
लखनऊ

बांदा में 8 साल के बच्चे की निर्मम हत्या, आंख और मुंह में डाला फेवीक्विक

अपहरण व हत्या से उत्तर प्रदेश के बाल-बच्चे वाला हर परिवार दहल गया

लखनऊOct 21, 2020 / 03:39 pm

Neeraj Patel

बांदा में 8 साल के बच्चे की निर्मम हत्या, आंख और मुंह में डाला फेवीक्विक

बांदा में 8 साल के बच्चे की निर्मम हत्या, आंख और मुंह में डाला फेवीक्विक

बांदा. जिले के चौसड़ गांव में आठ साल के मासूम का अपहरण कर निर्मम हत्या कर दी गई। उसके मुंह-आंख में फेवीक्विक डालकर पुआल और उपलों के नीचे दबा दिया गया। उसके गुप्तांग व शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान भी मिले। पुलिस ने गांव के ही दंपति को हिरासत में लिया है। चौसड़ निवासी शिक्षक राजेश कुमार कुशवाहा का आठ साल का बेटा प्रिंस सोमवार को चाचा राजेंद्र कुमार के घर जाने के लिए निकला था। राजेश का घर गांव के बाहर है। वह कॉलेज में छुट्टी के बाद पहले गांव स्थित मंदिर चले गए वहां से घर पहुंचे तो बेटा नहीं था।

पत्नी पुष्पा ने बताया कि पेट में दर्द होने पर वह आंगनबाड़ी दवा लेने गया था, जहां से चाचा के घर चला गया। देर तक वापस न आने पर राजेश बेटे को लेने राजेंद्र के घर पहुंचे। राजेंद्र की पत्नी ने बताया कि सुबह 10:30 बजे तक प्रिंस घर के बाहर खेल रहा था, फिर पता नहीं कहां चला गया। सबने मिलकर खोजा, पर प्रिंस नहीं मिला तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के पास पहुंचने से पहले राजेश को फोन पर धमकी दी गई कि प्रिंस उसके कब्जे में है।

राजेश ने यह जानकारी पुलिस को दी। मंगलवार सुबह परिवार के लोग और ग्रामीण प्रिंस को फिर खोजने निकले। तभी एक महिला को तालाब के किनारे बच्चे की चप्पल मिली। राजेश ने इसे प्रिंस की बताई। फिर उपले व पुआल को हटाकर देखा तो प्रिंस का शव नीचे दबा था। शक के आधार पर राजेंद्र के घर के बगल में रहने वाले दंपत्ति को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

सपा अध्यक्ष ने योगी सरकार पर साधा निशाना

वहीं इस मामले को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्विट कर कहा कि बांदा में एक अध्यापक के 8 साल के इकलौते बेटे के अपहरण व हत्या से उत्तर प्रदेश के बाल-बच्चे वाला हर परिवार दहल गया है और शासन-प्रमुख झूठ गढ़ने में व्यस्त हैं और उनका प्रभामंडलीय उच्च प्रशासन उनके ‘दिव्य झूठ’ को सत्य बनाने के फर्जीवाड़े में लगे है।

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