बथरूम से आ रही थी आवाज, खोलने पर खून लथपथ मिला छात्र
लखनऊ के अलीगंज के स्थित ब्राइटलैंड इंटर कॉलेज में मंगलवार को गुरुग्राम स्थित रेयन इंटरनेशनल जैसी अमानवीय वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया गया। कॉलेज के बाथरूम में एक छात्र खून से सनी हालत में मिला। उसके शरीर पर चाकू के कई गहरे घाव मिले। इस घटना को कॉलेज प्रशासन ने 24 घंटे तक दबाए रखा।
दरअसल मंगलवार को सुबह 10 बजे स्कूल के बाथरूम में पहली क्लास का छात्र ऋतिक सिंह (7) खून से लथपथ हाल में मिला। उसे बाथरुम के अंदर बंद किया गया था। प्रार्थना के बाद कॉलेज के डिस्पलिन डेड राउंड पर थे। इसी दौरान बाथरूम के अंदर से खटखटाने की आवाज आ रही थी। जब उन्होंने बाथरूम का दरवाजा खोला तो ऋतिक खून से सना हुआ दिखाई दिया और उसके मुंह में कपड़ा ठूसा हुआ था। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने बिना पुलिस को सूचना दिए, छात्र को केजीएमयू अस्पताल में एडमिट कराया। डॉक्टरों के मुताबिक छात्र के पेट, छाती और चेहरे पर धारधार हथियार से हमला किया गया है।
परिवार वालों को चोट लगने की बात कहीं
ऋतिक अपने परिवार के साथ त्रिवेणीनगर में रहता है। उसके पिता राजेश सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में चपरासी की नौकरी करते हैं। वह सुबह ऋतिक को स्कूल छोड़कर कोर्ट चले गए। थोड़ी देर बाद ही स्कूल से फोन आया कि आपके बच्चे को चोट लग गई है, स्कूल आ जाईए। जब वह स्कूल और फिर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि ऋतिक पर किसी ने चाकू से हमला किया है। राजेश सिंह ने बताया कि उनके बेटे को किसी बड़ी क्रुरता से मारा गया है। गहरे घाव के कारण उसे कई टांके लगाए गए हैं।
स्कूल की सीनियर छात्रा पर संगीन आरोप
थाना प्रभारी अलीगंज ने बताया कि ऋतिक की हालत अभी ठीक नहीं है। इसलिए बयान नहीं हो पाए हैं। लेकिन उसने पुलिस को बताया है कि स्कूल में ही 6 या 7 वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक सीनियर छात्रा ने उस पर जानलेवा हमला किया है। पीड़ित छात्र ने बताया कि उस छात्रा ने कहा कि चलो मैडम ने तुम्हें बुलाया है। इसके बाद वह उसे बाथरूम में ले गई। जहां दरवाजा बंद कर उस पर चाकू से हमला किया। चिल्लाने पर छात्रा ने लाल रंग का कपड़ा उसके मुंह में ठूस दिया। इसके बाद उसे बाथरूम में बंद कर भाग गई।
घरेलू प्रयोग में आने वाले चाकू से हमला
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि पीड़ित छात्र पर घरेलू चाकू से हमला किया गया है। इसके पीछे एक छात्रा का नाम आ रहा है। पीड़ित छात्र का कहना है कि वह उसे देखते ही पहचान लेगा। ऐसे में जल्द ही उससे स्कूल के बच्चों की पहचान कराई जाएगी। वहीं पुलिस अपने स्तर पर गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही है।
24 घंटे तक मामले को दबाए रखा
थाना प्रभारी का कहना है कि किसी ने भी मंगलवार को इस घटना के संबंध में जानकारी नहीं दी। वहीं बुधवार को जब पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो एक दारोगा को अस्पताल भेजा गया। जहां परिवार ने स्कूल पर कोई भी आरोप लगाने से इंकार कर दिया था।
परिवार पर दवाब बनाने की कोशिश
जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिवार पर मंगलवार को घटना होने के बाद से ही दबाव बनाया जा रहा है। स्कूल प्रशासन ने बच्चे का इलाज कराने की बात कहकर पुलिस केस होने से बचाने का प्रयास किया। साथ ही 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस को सूचना नहीं दी। हालांकि बुधवार को राजेश सिंह ने पुलिस को लिखित में तहरीर दी है।