Sacred places will be developed in terms of tourism-केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत यूपी में 100 करोड़ की लागत से गंगा सर्किट विकसित होगा। नदी के तट पर पवित्र स्थलों को चिन्हित करते गंगा सर्किट के रूप में नए पर्यटन परिपथ का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
Sacred places will be developed in terms of tourism
लखनऊ. Sacred places will be developed in terms of tourism- केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम (Swadesh Darshan Scheme) के तहत यूपी में 100 करोड़ की लागत से गंगा सर्किट विकसित होगा। नदी के तट पर पवित्र स्थलों को चिन्हित करते गंगा सर्किट के रूप में नए पर्यटन परिपथ का विकास किया जाना प्रस्तावित है। केंद्र सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल और प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी द्वारा पर्यटन की केंद्र पोषित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान गंगा परिपथ के बारे में प्रेजेंटेशन दिखाया। बैठक में तय हुआ कि पवित्र स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। गंगा सर्किट के विकास से न केवल इन पर्यटन स्थलों का सुनियोजित ढंग से विकास हो सकेगा, बल्कि इन क्षेत्रों में जलमार्ग के माध्यम से नौका विहार, वाटर स्पोर्ट्स और जल परिवहन का भी लाभ मिलेगा।
298.84 करोड़ की योजना प्रस्तावित स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत 298.84 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या में नई योजना प्रस्तावित की गई है। इसमें सरयू नदी के किनारे नौ किलोमीटर घाटों का निर्माण व पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं का विकास जैसे कार्य कराए जाएंगे। इसके अलावा स्कीम के तहत नई योजनाओं में अन्य स्थलों का भी सौंदर्यीकरण होगा। इनमें स्पिरिचुअल सर्किट के अंतर्गत गंगा सर्किट, नैमिषारण्य व मिश्रिख का पर्यटन विकास, हेरिटेज सर्किट के तहत क्रांति पथ, हस्तिनापुर के द्रोपदेश्वर, पांडेश्वर महादेव, द्रौपदी घाट, बौद्ध सर्किट के तहत कौशांबी व संकिसा का पर्यटन विकास, इको टूरिज्म सर्किट के तहत मिर्जापुर, चुनार, सीतामढ़ी, सोनभद्र और बुंदेलखंड सर्किट का पर्यटन विकास प्रस्तावित है। इसकी कुल अनुमानित लागत 497.99 करोड़ रुपये है।