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मायावती को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी में अखिलेश यादव, बनाई खास रणनीति
2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने आगे बढ़कर बसपा से गठबंधन किया था। चुनाव में उम्मीदों के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई। नतीजन फिर दोनों दल एक-दूसरे से अलग हो गये और अपनी-अपनी रणनीति बनाने लगे। मायावती ने श्याम सिंह यादव को नेता सदन बनाकर यादव वोटों को हथियाने का दांव चला। हालांकि, अब रितेश पांडेय सदन में बसपा के नेता हैं। इसके बाद अखिलेश यादव ने संगठन में फेरबदल करते हुए बड़ी संख्या में दलित वर्ग के नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी।
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