राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार विपक्ष के प्रति और खासकर समाजवादी पार्टी के प्रति द्वेषपूर्ण व्यवहार कर रही है। संविधान की ली गई शपथ के प्रतिकूल उसका आचरण भेदभावपूर्ण होता है। इससे प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। सत्ता संरक्षित अपराधियों के कारनामों से जनता भयभीत है। स्थिति यह है कि प्रदेश में निर्दोष सताए जा रहे हैं। फर्जी एनकाउण्टर और हिरासत में मौतें हो रही हैं। अपहरण, लूट, हत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सरकार इन पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है। महिलाओं और बच्चियों के साथ तो आए दिन दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है। फर्जी आंकड़ों से यह सरकार काम चला रही है।
सर्वाधिक चिंता का विषय तो यह है कि सत्तादल के इशारे पर पुलिस का व्यवहार गैरजिम्मेदाराना और संवेदनहीन होता जा रहा है। लोकतंत्र में सत्ता और विपक्ष दोनों की संवैधानिक मान्यता है किन्तु उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार अपनी एकाधिकारवादी मानसिकता से काम कर रही है। शांतिपूर्ण अहिंसात्मक विरोध भी उसे बर्दाश्त नहीं है। बेरोजगारी से परेशानहाल नौजवान जब अपनी मांग उठाते हैं तो उन पर लाठियां बरसती हैं। यह कहां का न्याय है। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल महोदया को बताया कि विभिन्न जनपदों में समाजवादी पार्टी के नेताओं को बदले की भावना से उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है। आप अवगत हैं कि रामपुर के सांसद और पूर्वमंत्री मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार पर तमाम फर्जी केस लगा दिए गए हैं।
जनपद प्रतापगढ़ की स्थिति तो और भी ज्यादा गम्भीर है। यहां भाजपा सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने के कारण समाजवादी पार्टी के नेताओं पर सत्तादल के इशारे पर झूठे मामले गढ़े जा रहे हैं। ब्लाक प्रमुख पट्टी माधुरी यादव के पति सभापति यादव को एनकाउण्टर किए जानें की धमकी दी जा रही है। उनका जीवन असुरक्षित है। पुलिस से ही उन्हें खतरा है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव की फर्जी मुकदमें में गिरफ्तारी के बाद उनके भाई का भी उत्पीड़न हो रहा है। कुण्डा नगर पंचायत की चेयरमैन सीमा यादव के पति और पूर्व चेयरमैन गुलशन यादव को भी आए दिन पुलिस परेशान कर रही है।