जिंदगी से कम मौत के ज्यादा करीब था आजम खान ने कहा कि वह जेल में थे, तो इस दौरान जिंदगी से कम, मौत के ज्यादा करीब था। वहीं, अखिलेश के उनसे न मिलने आने पर तंज कसते हुए बोले ‘मेहमान तो मेहमान होता है। मुझे अखिलेश से नाराजगी नहीं है।’
शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरे प्रति रखी सहानूभुति आजम खान ने बीजेपी का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा, ”मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरे लिए प्रार्थना की और सहानूभूति दी चाहे वह सपा, बसपा, कांग्रेस, टीएमसी या फिर बीजेपी हो। सभी दलों को कमजोर लोगों के बारे में सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह किसी से मिल नहीं सकते थे क्योंकि जिला प्रशासन की बड़ी पाबंदियां थीं। छोटी सी कब्र में रहते थे, जिसमें अंग्रेजों को फांसी से एक दिन पहले रखा जाता था।
बता दें कि सीतापुर जेल से बाहर निकलकर रामपुर पहुंचते ही आजम खान ने इशारों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला था। आजम के परिवार ने पहले ही उपेक्षा लगाकर साफ कर दिया था कि अखिलेश यादव पार्टी के दिग्गज नेता का भरोसा खो चुके हैं। आजम ने भी कार्यकर्ताओं के बीच कहा कि ज्यादा जुल्म भी अपनों ने ही किए हैं। उन्होंने यहां तक कि कह दिया कि दरख्तों में अपनों ने ही जहर डाला है।