Vijayadashami की सुबह से पहले रात के अंधेरे में झांसी में सत्ता की ताकत झोंककर पुष्पेन्द्र यादव का अंतिम संस्कार कर सरकार ने न्याय की चिता जलाई है। परिवारीजन और स्थानीय जनता मांग कर रही थी कि फर्जी इन्काउटंर करने वाले दारोगा धर्मेन्द्र सिंह के खिलाफ भी धारा 302 में रिपोर्ट लिखी जाए तभी पुष्पेन्द्र के शव को लिया जाएगा। स्मरणीय है, पुष्पेन्द्र को 5 अक्टूबर को इन्काउटंर में पुलिस ने मार गिराने का दावा किया था।
पुलिस का बेहद निंदनीय रवैया यह रहा है कि पुष्पेन्द्र को न्याय देने के बजाय उलटा उनके शोकाकुल परिजनों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस दरअसल अपने किए पाप पर पर्दा डालने के लिए जनता की आवाज को कुचलने पर तुले हैं। पुलिस का यह रवैया झांसी के मामले में ही नहीं बदायूं में हिरासत में दम तोड़ने वाले बृृजपाल के साथ भी नजर आया जब उसका अंतिम संस्कार जबरन पुलिस ने करा दिया।
BJP government के मंत्री बिना जांच हुए ही पुलिस की कहानी दुहराने लगे हैं। स्पष्ट है कि पूरी भाजपा सरकार फर्जी इन्काउटंर का भंडाफोड़ होने की आशंका से सकते में हैं। वह भय, दहशत और आतंक के बल पर अपनी बात मनवाना चाहती है। समाजवादी पार्टी अन्याय के खिलाफ हमेशा संघर्ष करती रही है। उसकी मांग है कि पुष्पेन्द्र यादव के मामले सहित पूर्व में हुए सभी Fake encounter की जांच हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश से कराई जाए। इससे सच्चाई सबके सामने आ सकेगी।