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चुनाव के आते ही माया जाल फैलाना शुरू कर दिया : राजेन्द्र चौधरी

locationलखनऊPublished: Oct 28, 2018 07:30:42 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

50 हजार से ज्यादा किसानों ने उनके कार्यकाल (04वर्ष) में आत्महत्या की

Rajendra Choudhary

50 हजार से ज्यादा किसानों ने उनके कार्यकाल (04वर्ष) में आत्महत्या की

Ritesh Singh
लखनऊ , Samajwadi Party के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि चुनाव नजदीक आते ही भाजपा ने अपना माया जाल फैलाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के agriculture minister कृषि कुंभ की नौटंकी के साथ झूठ को सच बनाने की कला भी आजमाने लगे हैं लेकिन वे भूलते हैं कि लोग अब सच्चाई समझने लगे हैं। B J P ने अपने वादों से मुकरकर अपनी साख स्वयं गिरा दी है। प्रदेश के मतदाता अखिलेश यादव के कामों से भी परिचित है और यह भी देख रहे हैं कि BJP government ने, वह चाहे केन्द्र की हो या राज्य की, अपना समय सिर्फ भाषणों, सम्मेलनों और प्रचार के लिए विज्ञापन, होर्डिंग में ही गंवाया है।
हमदर्दी पाने को वे झूठे आंकड़ों पर उतर आए

प्रदेश के कृषि मंत्री को अच्छी तरह मालूम है कि भाजपा को akhilesh yadav ही कड़ी चुनौती देते हैं। पिछले लोकसभा के उपचुनावों में मिले दर्द को अभी तक वे भूले नहीं होंगे। इसलिए कथित ‘कृषि कुंभ‘ में किसानों की हमदर्दी पाने को वे झूठे आंकड़ों पर उतर आए। उनका यह दावा कि Samajwadi government के समय से ज्यादा गेहूं की खरीद हुई हवाई दावे से ज्यादा कुछ नहीं क्योंकि जिस रिकार्ड खरीद का वे दावा कर रहे हैं वह खरीद बिचैलियों के माध्यम से की गई है। भोले-भाले किसान को तो न्यूनतम समर्थन मूल्य की जगह धोखा ही मिला है।

50 हजार से ज्यादा किसानों ने उनके कार्यकाल (04वर्ष) में आत्महत्या की
जब B J P को वोट लेना था तो 14 दिनों के भीतर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान का वादा हुआ था, प्रति कुंतल 275 रूपए मुनाफा देने की बात थी, विधानसभा चुनाव जीतते ही प्रधानमंत्री इसे भुला बैठे। तथ्य यह है कि 50 हजार से ज्यादा किसानों ने उनके कार्यकाल (04वर्ष) में आत्महत्या की। बिजली, तेल, ईंधन, कीटनाशक दवाइयां और खाद की कीमतोें पर जीएसटी की ऐसी मार पड़ी कि किसान उससे त्रस्त हैं। सैकड़ों किसानों को फसल बर्बादी के बाद भी कुछ नहीं मिला।

फायदे की कौन सी घोषणा मंत्री ने की है
कृषि कुंभ‘ के आयोजन पर BJP government ने सैकड़ों करोड़ रूपया उड़ा दिया, किसान बाहर धक्के खाते रहे, अन्दर जश्न चलता रहा। किसान यही नहीं समझ पाएं कि उनके फायदे की कौन सी घोषणा मंत्री ने की है। यह भाजपा सरकार की संवेदनशून्यता की पराकाष्ठा नहीं है तो क्या है?

फसल बीमा का लाभ 07 लाख रूपये तक दिया गया था।
अनर्गल बयानबाजी करने से बेहतर होता कृषि मंत्री वास्तविकता से अवगत हो लेते। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में गांव-खेती के मद में 75 प्रतिशत राशि बजट में रखी थी। 50 हजार रूपये तक किसानों का कर्ज माफ किया था। किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा देने के साथ खाद, कीटनाशक दवा और बीज आदि की समय से उपलब्धता सुनिश्चित कराई थी। फसल बीमा का लाभ 07 लाख रूपये तक दिया गया था। बिजली की पर्याप्त आपूर्ति की गई थी। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सड़कों से मुख्यालय को जोड़ने के साथ फल-सब्जी, अनाज, दूध मंडियों की स्थापना की व्यवस्था की थी।

किसान को तो कोई राहत नहीं मिली
B J P ऐसा माहौल बना रही है कि किसानों को जैसे बहुत मिल रहा है जबकि यह सिर्फ किसानों को गुमराह करने का हथकंडा है। किसान की आय दुगनी होने के कोई आसार दूर-दूर तक नहीं दिख रहे हैं। चुनावों में सामने खड़ी हार को देखकर Prime Minister और chief minister के साथ उनके दूसरे मंत्री भोले भाले किसानों को बहकाने में लग गए हैं। किसान को तो कोई राहत नहीं मिली, उद्योगपतियों के लाखों करोड़ के कर्ज माफ हो गए हैं। वस्तुतः भाजपा के शीर्ष नेताओं ने वही किया है जो वह सबसे अच्छा करते हैं और वायदा खिलाफी भी भ्रष्टाचार ही है।
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