पदाधिकारियों की नियुक्ति से पूर्व उनकी मंशा जानी जा रही है। इसके दो फायदे हैं एक तो चुनावी सीजन में संगठन का काम प्रभावित नहीं होगा, दूसरे मोटे तौर पर टिकट के दावेदारों की स्थिति भी साफ हो सकेगी। प्रदेश संगठन के पूर्व पदाधिकारी का कहना है कि अभी तक चुनाव के समय जिला अध्यक्ष ही टिकट पाने की कतार में लग जाता है, जिसके चलते संगठन में बिखराव शुरू हो जाता है और खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ता है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी युवा नेताओं को आगे ला रही है, साथ ही सोशल मीडिया को हैंडल करने के लिए सक्षम पदाधिकारियों को तैयार किया जा रहा है।
दिसंबर तक सभी जिलों में होंगे नये पदाधिकारी
बीते दिनों सपा पदाधिकारियों की पहली सूची जारी की गई थी, जिसमें 15 अध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष और एक महामंत्री के नाम की घोषणा की गई थी। सूत्रों की मानें तो दिसंबर में अधिकतर जिलों में संगठन के पदाधिकारियों की घोषणा हो जाएगी। ब्लॉक कमेटियों के गठन के साथ ही फ्रंटल संगठनों के पुनर्गठन का कार्य भी जल्द ही आरंभ होगा।