छुट्टियों में विभिन्न संस्थाओं की ओर से अनेकों एक्टिविटीज का कैंप चलाया जाता है। कैंप का हिस्सा बन छात्र अपनी क्षमताओं को निखास सकते हैं। गर्मी की छुट्टी में अभिभावकों को स्पोर्ट्स, डांस, एक्टिंग जैसी एक्टिविटीज में इंवॉल्व कर बच्चों की क्षमताओं को निखारना चाहिए। इन एक्टिविटीज को करने से जहां बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है वहीं दूसरी ओर उनका कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है। कॉन्फिडेंट बढ़ने से बच्चे अपने आपको अच्छे से प्रस्तुत कर पाते हैं जो उनकी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का कारण बनता है। ऐसे में इस गर्मी की छुट्टी में बच्चों की क्षमता और कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के लिए उन्हें कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
म्यूजिक गर्मियों की छुट्टियों में आप बच्चों में योग्यता का विकास करने लिए उन्हे संगीत सीखने लिए प्रेरित कर सकते हैं। आज के दौर में आप को अपने शहर में कई ऐसे संस्थाम मिल जाएगे जो छोटे बच्चों को शुरुआत से म्यूजिक सीखने की ट्रेनिंग देते होंगे। आप इन संस्थानों में बच्चे का एडमीशन करा कर उसे म्यूजिक का गुण सिखा सकते हैं। म्यूजिक सीखन से जहां बच्चे में एकाग्रता का विकास होता वहीं म्यूजिक सीख जाने के बाद उसमें आत्मविश्वास आएगा। स्टेज पर परफार्म करने से उसकी सीखने व लोगों को फेस करने की क्षमता बढ़ेगी।
एक्टिंग गर्मियों की छुट्टी में बच्चों को एक्टिंग सिखाई जा सकती है। एक्टिंग क्लासेज करने के बच्चों का रचनात्मक विकास होगा। बच्चे की सोचने व समझने की समक्षता का विकास होगा। वहीं बच्चे की भाषा व उच्चारण बेहतर होगा। एक्टिंग सीखने से बच्चे का आत्मविश्वास बेहतर होगा।
स्वीमिंग गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को स्वीमिंग सिखाई जा सकती है। स्वीमिंग सीखने से जहां बच्चे में स्वीमिंग की स्किल डेवलप होगी वहीं बच्चे का शारीरिक विकास भी बेहतर होगी। डांस
डांस सीखने से बच्चे का जहां एक ओर शारीरिक व मानसिक विकास होगा वहीं दूसरी ओर बच्चे का आत्मविश्वास भी बढ़ेगी। रायटिंग बच्चे की रुचि के अनुसार आप बच्चे की राइटिंग स्किल्स को डेवलप कराने के लिए राइटिंग सिखा सकते हैं। इसके लिए आप किसी राइटर से बच्चों की राइटिंग के गुण सिखाने में मदद ले सकते हैं। राइटिंग के गुण सीखन से बच्चों का रचनात्मक विकास होगी वहीं बच्चे की सोचने की क्षमता बढ़ेगी। आज कल एप की मदद से भी राइटिंग स्किल्स डेवलप की जा सकती हैं।
ये भी पढ़ें:
गाड़ी का कराने जा रहे हैं इंश्योरेंस तो इन बातों का रखें ध्यान, हानि से बचने के लिए अपनाएं यह इंश्योरेंस स्पोर्टस बच्चे की रूचि अगर स्पोर्ट में है तो आप बच्चे की रूचि के अनुसार स्पोर्टस के लिए उसका स्पोर्टस क्लासे में एडमीशन करा सकती हैं। स्पोर्टस में पिछले कुछ वर्षों में काफी स्कोप बढ़ा है। बेहत प्रदर्शन करने पर बच्चा स्पोर्टस में आगे चल के बेहतर कैरियर ब बना सका है साथ ही स्पोर्टस से बच्चे में मानसिक व शारीरिक विकास भी होता है।