अखिलेश यादव ने कहा है कि भारतीय समाज में गुरूओं, संत-महात्माओं का सदैव आदर रहा है। उनके तमाम अनुयायियों के लिए उनका जीवन दर्शन हमेशा प्रासंगिक और अनुकरणीय रहा है। उनके विचारों से प्रेरणा लेने वाले भी कम नहीं। संतो-गुरूओं की स्मृति को चिरजीवी रखने तथा उनके माध्यम से समाज को प्रेरणा देने के लिए मंदिरों का निर्माण सदियों से होता रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि तुगलकाबाद में संत रविदास मंदिर तोड़े जाने से क्षुब्ध अनुयायियों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग अनुचित और निंदनीय है। उनके साथ अन्याय नहीं हों, इसके लिए सभी सत्याग्रहियों को तत्काल रिहा किया जाए एवं उन पर दर्ज मुकदमें वापस हों। सरकार को जनभावना का आदर करना चाहिए। दलित समाज के श्रद्धा स्थलों के प्रति दुर्भावनापूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए। फिर संत रविदास तो समाज के सभी वर्गों में सम्मानित हैं। उनके पूजा स्थल से खिलवाड़ सभ्य समाज में कैसे हो सकता है?