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भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाली सावित्री बाई फूले ने किया अपनी नई पार्टी का ऐलान

locationलखनऊPublished: Jan 19, 2020 04:53:12 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

– सावित्री बाई फूले ने किया नई पार्टी का गठन
– भाजपा छोड़ 2018 में कांग्रेस में शामिल हुई थीं सावित्री बाई फूले
– सावित्री बाई फूले ने कहा बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय के नारे को सार्थक करने के लिए आन्दोलन का अपनाएंगी रास्ता

भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाली सावित्री बाई फूले ने किया अपनी नई पार्टी का ऐलान

भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाली सावित्री बाई फूले ने किया अपनी नई पार्टी का ऐलान

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अलग होकर कांग्रेस (Congress) ज्वाइन करने वाली सावित्री बाई फूले (Savitri Bai Phule) ने रविवार को अपनी नई पार्टी का गठन कर लिया। लखनऊ के चारबाग में नमो बुद्धाये जनसेवा समिति द्वारा आयोजित द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची सावित्री बाई फूले ने दीप प्रज्वलित कर अधिवेशन का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने अपनी नई पार्टी का ऐलान किया, जिसका नाम कांशीराम बहुजन समाज पार्टी’ (Kanshiram Bahujan Samaj Party) है। यह नाम मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी से काफी मिलता जुलता है।
गौरतलब है कि सावित्री बाई फूले 2012 से 2014 तक बहराइच की बलहा सीट से भाजपा विधायक रहीं। इसके बाद 2014 में बहराइच सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंची। मगर पार्टी से मोह भंग होने के बाद उन्होंने इस्तीफा देकर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। इसके बाद उन्होंने बहराइच से ही 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के अक्षवरलाल गौड़ के खिलाफ लड़ा था। लेकिन अब कांग्रेस से भी मोह भंग होने के बाद सावित्री बाई फूले ने अपनी नई पार्टी खड़ी की है। सावित्री बाई फूले का कहना है कि दोनो ही पार्टियों में उनकी बात नहीं सुनी जा रही थी। इसलिए बगावत का बिगुल फूंक उन्होंने खुद की पार्टी का गठन कर दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हितों के लिए कार्य करने का फैसला किया।
बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय

एक इंटरव्यू में सावित्री बाई फूले ने बताया कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उप्र प्रभारी प्रियंका गांधी उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हो सकीं। इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने कहा कि अब वह बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय के नारे को सार्थक करने के लिए आन्दोलन का रास्ता अपनाएंगी।
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