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छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में होगी FIR, योगी सरकार ने दी मंजूरी, नपेंगे कई अफसर और नेता

locationलखनऊPublished: Sep 13, 2018 01:35:54 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

उत्तर प्रदेश के इटावा और मेरठ में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामले में योगी सरकार ने एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी है।

scholarship scam FIR filed on Yogi sarkar order

छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में होगी FIR, योगी सरकार ने दी मंजूरी, नपेंगे कई अफसर और नेता

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के इटावा और मेरठ जिलें से छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामले सामने आए हैं। जिनको लेकर योगी सरकार ने एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी है। छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों को ईओडब्ल्यू के मेरठ और कानपुर के थानों में दर्ज किया जाएगा। जिसके लिए गृह विभाग ने ईओडब्ल्यू के लखनऊ, कानपुर, मेरठ व वाराणसी में चार थानों के लिए भी आदेश जारी कर दिए हैं।

इसके साथ ही भ्रष्टाचार से जुड़े लगभग 35 अन्य मामलों में भी सरकार ने कार्रवाई के के लिए आदेश जारी कर दिया हैं। जिसकी जांच सतर्कता अधिष्ठान, भ्रष्टाचार निवारण संगठन व सीबी सीआईडी द्वारा की जाएगी।

09 मामलों में लगभग 15 करोड़ रुपए का घपला

बताया जा रहा है कि छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में लगभग 15 करोड़ रुपए का घपला किया गया है। इस घोटाले में विभाग के अधिकारियों और शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों के शामिल होने की भी बात सामने आई है। छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में तो पहले से ही काफी देर हो चुकी है लेकिन अब इन मामलों की पूरी से जांच होना बहुत जरूरी है। इन मामलों में सबसे ज्यादा राजनीतिक दलों के लोग जुड़े हुए हैं।

109 मामलों को सरकार द्वारा जांच की मंजूरी

डीजी ईओडब्ल्यू आरपी सिंह ने बताया है कि छात्रवृत्ति घोटाले के 117 मामलों की जांच के बाद ही 109 मामलों को सरकार द्वारा जांच की मंजूरी दी गई हैं। जिनमें छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में 86 इटावा जिले के हैं और 23 मामले मेरठ जिले के हैं। वहीं इटावा के 8 मामलों में किसी प्रकार की कोई गलतियां नहीं पाई गई हैं।

सरकार द्वारा आदेश जारी

फिलहाल में कानपुर और मेरठ सहित अन्य जिलों से छात्रवृत्ति घोटाले के 100 से ज्यादा मामलों की जांच की जा रही हैं। सराकार द्वारा सभी जिलों के लिए आदेश जारी किया गया है कि जिन स्कूलों में छात्रवृत्ति घोटाले की बात सामने आई है उनकी तत्काल जांच करके कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

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