मुख्यमंत्री ने ऐसे श्रमिक, जो जीविकोपार्जन के सिलसिले में खाड़ी के देशों में काम करने जाते हैं और वहां मुश्किल में फंस जाते हैं, की मदद के लिए प्रयास करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में फंसने वाले श्रमिकों की सुरक्षा के प्रति सरकार चिन्तित है और उनकी हर सम्भव मदद की जाएगी।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री को राज्य में श्रम परिदृृश्य, श्रम अधिनियमों में संशोधन, प्रभावी एवं पारदर्शी प्रवर्तन तथा प्रक्रियात्मक सुधार, पंजीयन, लाइसेन्स एवं नवीनीकरण की आॅनलाइन प्रक्रिया के विषय में अवगत कराया। उन्होंने अवगत कराया कि श्रम अधिनियमों में संशोधन के द्वारा 5 अधिनियमों में 1 दिन में पंजीयन और अनुज्ञप्ति अनिवार्य है। आठ श्रम अधिनियमों में उपशमन की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि लघु उद्योगों के लिए अनुपालन भार कम कर दिया गया है। उन्होंने प्रक्रियात्मक सुधार पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इकाइयों के निरीक्षण के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जाती है। इसके लिए श्रम आयुक्त से पूर्व अनुमति अनिवार्य है। उन्होंने उ0प्र0 असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के गठन, प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना, बाल एवं बंधुआ श्रम-चिन्हांकन, योजनाएं एवं पुनर्वास के विषय में भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया। उन्होंने श्रम आयुक्त संगठन द्वारा वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 की कार्य योजना से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया। उन्हें श्रम विभाग के तहत कार्यरत प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के क्रियाकलापों के विषय में भी अवगत कराया गया।