उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में अघोषित बिजली कटौती से किसान परेशान हैं वहीं इससे फसल को भारी नुकसान हो रहा है। हरी सब्जियों उगाने वाले किसानों के लिए पानी की सिंचाई बहुत ही ज्यादा जरूरी है। लेकिन बिजली नहीं आने से उनकी फसल को नुकसान हो रहा है। इसे आक्रोशित कर किसानों ने स्थानीय प्रशासन को आत्महत्या तक की चेतावनी दे डाली है. वहां के किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने गहने गिरवी रखकर लोन लिया हुआ है लेकिन बिजली की कटौती की वजह से फसल को नुकसान हो रहा है और लोन चुकाना भी किसानों के लिए मुश्किल होगा.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और उससे जुड़े कई महत्वपूर्ण शहर कानपुर, प्रयागराज, अयोध्या, गोरखपुर, मुरादाबाद में भी लगातार कटौती जारी है। कभी रोस्टर के नाम पर तो कभी ट्रांसफार्मर की खराबी या तार टूटने के नाम पर बिजली काटी जा रही है। प्रदेश के लखनऊ, कानपुर जैसे शहरों में ट्रांसफॉर्मर में आग लगने की वजह से पिछले तीन दिनों में कई घाटों तक कटौती रही। उन्नाव में शुक्लागंज और कुछ अन्य नगरीय क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था का बुरा हाल हो रखा है. आजमगढ़, गाजीपुर, इटावा, कुशीनगर जिसे क्षेत्रों में स्थिति बद से बदतर है. 10 घंटों से ज्यादा रोजाना कटौती हो रही है.
ट्विटर पर ऊर्जा विभाग से लगातार शिकायतें
बिजली कटौती की बढ़ती समस्या को देखकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कर्मचारियों से अपील की है कि अत्यधिक गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है. पिछले साल की अपेक्षा में अब मांग बहुत ज्यादा है. ऊर्जा विभाग में कार्यरत सभी भाई-बहनों से निवेदन है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में जनता की सेवा के लिए रात-दिन सजग, तत्पर और उपलब्ध रहें.
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विभागीय मीटिंग में ज्यादा बिल आने की समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कम समय में त्वरित जांच कराने की बात कही। जिससे जनता को ज्यादा बिल से छुटकारा मिल सके। इसके लिए अलग से भी कमेटी बनाने की चर्चा चल रही है।