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उन्नाव मामले में बड़ा खुलासा, सीबीआई पर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने का आरोप, मचा हड़कंप

locationलखनऊPublished: Aug 11, 2019 10:57:55 am

– उन्नाव दुष्कर्म कांड (Unnao Case) की पीड़ित के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला
– पीड़ित के निजी वकील ने सीबीआई (CBI) की कार्यप्रणाली पर खड़े किये सवाल
– सीबीआई पर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (MLA Kuldeep Singh Sengar) और उसके साथियों को बचाने का आरोप
– सेंगर और उसके साथियों को इस मामले में भी आरोपी बनाए जाने की मांग

Serious allegation on CBI and Kuldeep Singh Sengar in Unnao case

उन्नाव मामले में बड़ा खुलासा, सीबीआई पर विधायक सेंगर को बचाने का आरोप, मचा हड़कंप

लखनऊ. उन्नाव दुष्कर्म कांड (Unnao Case) की पीड़ित के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में सीबीआई पर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (MLA Kuldeep Singh Sengar) और उसके साथियों को बचाने का आरोप लगाया गया है। तीस हजारी अदालत (Tees Hazari Court Delhi) में पीड़ित के निजी वकील ने सीबीआई (CBI) की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए जानबूझकर इस मामले में सेंगर का नाम नहीं लेने का आरोप जांच एजेंसी पर लगाया। साथ ही अदालत से सेंगर और उसके साथियों को इस मामले में भी आरोपी बनाए जाने की मांग की। हालांकि सीबीआई(CBI) ने सभी आरोपों को गलत करार दिया। वहीं अदालत ने इस मामले में आदेश सुरक्षित रखा है।

सीबीआई (CBI) पर सेंगर को बचाने का आरोप

जिला सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की अदालत में पीड़ित के निजी वकील ने कहा कि उसके पिता की पुलिस कस्टडी में मौत के लिए भी सेंगर और उसका साथी जिम्मेदार है। इसलिए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए। वकील ने यह भी सवाल उठाया कि सीबीआई (CBI) ने सेंगर और उसके साथी को इस मामले मैं आरोपी क्यों नहीं बनाया। दूसरी तरफ सीबीआई ने पूरी निष्पक्षता के साथ साक्ष्य जुटाने की बात अदालत के सामने कही। साथ ही बताया कि पीड़ित के पिता की मौत के मामले में सेंगर और उसके साथी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। सीबीआई ने अपना काम पूरी ईमानदारी से करने की बात कहते हुए विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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केस में दखल देने से रोकने की मांग

इस मामले में आरोपी अशोक सिंह भदौरिया ने भी पीड़ित के निजी वकील पर बेबुनियाद आरोप तय कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत से उन्हें इस केस में दखल देने से रोकने की गुहार लगाई। अदालत ने इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई 13 अगस्त को तय की है। ईद (Eid) के त्योहार के कारण 13 अगस्त को अवकाश होने पर सुनवाई 14 अगस्त को होगी।

सीबीआई (CBI) एक बार फिर खंगालेगी मौत का रहस्य

वहीं पीड़ित के पिता की पिटाई के वक्त मौके पर मौजूद चश्मदीद की मौत के रहस्य को भी एक बार फिर सीबीआई (CBI) खंगाल सकती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ सीबीआई उन डॉक्टरों से भी पूछताछ कर सकती है जो चश्मदीद के पोस्टमार्टम में शामिल रहे थे। शनिवार को जिला अस्पताल के स्टाफ में सीबीआई के आने की चर्चा जोरों पर रही। 3 अप्रैल 2018 की शाम विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) के भाई अतुल सिंह सेंगर (Atul Singh Sengar) ने दुष्कर्म पीड़ित के पिता को बेरहमी से पीटा था। जिस वक्त पीड़ित के पिता को पीटा जा रहा था गांव का ही यूनुस नाम का एक व्यक्ति अपनी दुकान पर बैठकर यह सारा नजारा देख रहा था। वह इस घटना का चश्मदीद था। 8 अप्रैल को पीड़ित के पिता की मौत के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की तो इसी गांव के चश्मदीद से पूछताछ के बाद उसका नाम भी प्रमुख गवाहों की सूची में शामिल किया गया था। लेकिन 18 अगस्त 2018 को यूनुस की मौत हो गई थी। जिसके बाद दुष्कर्म पीड़ित के चाचा ने विधायक पक्ष के लोगों पर यूनुस को जहर देकर मार डालने का आरोप लगाते हुए डीएम और एसपी से पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की। हालांकि मृतक की पत्नी सबीना खातून और परिजनों यूनुस के काफी समय से बीमार होने होने और बीमारी के कारण ही मौत होने की बात कही थी। हालांकि मामला सुर्खियों में आने पर पुलिस ने 26 अगस्त को शव कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम कराया गया था।
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ड्राइवर और क्लीनर का नार्को टेस्ट

उन्नाव दुष्कर्म कांड (Unnao Case) की पीड़ित के साथ रायबरेली में हुए सड़क हादसे की जांच कर रही सीबीआई संबंधित ट्रक के चालक और क्लीनर का नार्को टेस्ट (Narco Test) गुजरात के गांधीनगर (Gandhi Nagar Gujrata) में आज करवाएगी। सूत्रों के मुताबिक नार्को टेस्ट के लिए चालक आशीष पाल और क्लीनर मोहन श्रीवास को लेकर सीबीआई की टीम अहमदाबाद पहुंच चुकी है। इससे पहले सीबीआई (CBI) ने इन दोनों का पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) कराया था। इस टेस्ट के बाद दोनों ही अभी तो से नार्को टेस्ट कराने की सहमति ली थी और फिर न्यायालय में इसके लिए अनुमति मांगी थी। साथ ही दोनों अभियुक्तों को 14 अगस्त तक के लिए रिमांड पर मांगा गया था। न्यायालय ने सीबीआई (CBI) के आवेदन को स्वीकार करते हुए दोनों ही अभियुक्तों के नार्को टेस्ट के अनुमति दी थी।
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