नए सॉफ्टवेयर से छोटे ट्यूमर का पता लगाने में आसानी कैंसर कोशिकाएं शरीर में ऑक्सीजन ज्यादा ग्रहण करती हैं, जिससे कि ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। ऐसे में ट्यूमर को पकड़ने में परेशानी होती है। इसके लिए कन्ट्रास्ट दवा इंजेक्शन के माध्यम से दी जाती है। जहां ट्यूमर होता है, यह दवा वहां ठहर जाती है और चमकने लगती है। मशीन चमकीले हिस्से को कैद कर लेती है। नए सॉप्टवेयर की मदद से एक मिलीमीटर की स्लाइस तैयार करने में मदद मिलेगी। इसका छोटे ट्यूमर का पता लगाने व उन्हें पकड़ने में आसानी होगी।
नए सॉफ्टवेयर के फायदे मेक इन इंडिया के तहत होगा लॉंच इस गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अमेरिका के कार्नल यूनिवर्सिटी में शोध किया गया। हालांकि शोध व पेटेंट विदेश में हुआ है लेकिन भारत को इसका फायदा पहले मिलेगा। इसे मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत लॉंच किया जाएगा।