लखनऊ

भूमि सुधार निगम के सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी पर संकट

डेपुटेशन वालों पर हर महीने लाखों खर्च, सीएम से लगाई गुहार

लखनऊSep 07, 2018 / 12:26 pm

Anil Ankur

service of Hundreds of employees of Land Reforms Bhumi sudhr nigam in

लखनऊ। उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम के सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है। इनमें से अधिकांश लोग 20-25 से निगम में नौकरी कर रहे थे। इस बार बजट न पास होने से उनकी नौकरी को खतरा पैदा हो गया है। कर्मचारियों ने सीएम से नौकरी के लिए गुहार लगाई है। सांसद अशोक बाजपेयी ने भी उन्हें आश्वस्त किया है कि वे उनकी समस्याओं को लेकर जल्द ही वार्ता करेंगे।
चार लाख किसान और सात सौ कर्मचारी होंगे प्रभावित
भूमि सुधार निगम द्वारा प्रदेश में सोडिक लैंड रिक्लमेशन तृतीय परियोजना यूपी के 32 जिलों में चलाई जा रही थी। सरकार ने इस परियोजना को अचानक बंद कर दिया है। इस परियोजना से राज्य के चार लाख किसानों को भूमि सुधार के लाभ दिए जा रहे थे। इस काम में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 700 कर्मचारी लगे थे। अब परियोजना के बंद किए जाने के फैसले के बाद उन सभी पर संकट छा गया है जो इस परियोजना का लाभ उठा रहे थे।
क्या है परियोजना
सोडिक लैंड रिक्लपेशन परियोजना के तहत 90 प्रतिशत गरीब किसानों को रबी और खरीफ की फसल के दौरान निशुल्क बीज और खाद बांटी जाती है। इसके अलावा इस परियोजना के परिक्षेत्र में आने वाली गरीब महिलाओं के परिवार के उन्नयन के लिए बैंकके माध्सम से कई योजनाएं संचालित की जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्यों कि खराब भूमि के मालिक किसानों का भरण पोषण होता रहे। वैसे यह परियोजना मार्च 2019 तक चलनी है, लेकिन सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए फंड न दिए जाने से वहां वेतन का संकट खड़ा हो गया है।
क्या कहते हैं प्रबन्ध निदेशक
परियोजना के प्रबन्ध निदेशक अजय कुमार यादव का कहना है कि उनका पूरा प्रयास होगा कि किसी भी कर्मचारी की नौकरी न जाए, फिर भी सरकार के निर्णय को वे पूरी तौर पालन कराएंगे। सरकार को वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया गय है। जल्द ही इस पर शासन की अभिमति आ जाएगी।

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