गौरतलब है कि वित्त विभाग ने दिसंबर 2016 में सभी सरकारी विभागों में 7वां वेतनमान लागू कर दिया था। मगर अभी तक विकास प्राधिकरणों में इसे लागू नहीं किया गया जबकि प्राधिकरणों में इसे लागू करने की मांग काफी दिनों से की जा रही थी। पिछले दिनों आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख दीपक कुमार की अध्यक्षता में आवास बंधु के अधिकारियों ने बैठक की। बैठक में विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिए जाने के लाभ पर चर्चा हुई, तो तय किया गया कि अब विकास प्राधिकरण के कर्मचारी भी सातवें वेतन के लाभार्थी होंगे। इसमें तय हुआ कि सातवें वेतनमान का लाभ देने से बढ़ने वाले वित्तीय भार का वहन संबंधित विकास प्राधिकारण ही करेंगे। इसके लिए सरकारी स्तर से कोई वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी। माना जा रहा है कि बैठक में लिए गए फैसले के बाद विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों पर औसतन 22 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। साथ ही सभी पेंशनर्स को सातवें वेतनमान के मुताबिक पेंशन और महंगाई भत्ता दिया जाएगा।
80 साल की उम्र में 20 प्रतिशत ज्यादा पेंशन बैठक में तय हुआ कि 80 साल की उम्र पूरी करने वाले पेंशनर्स की पेंशन में 20 प्रतिशत इजाफा कर दिया जाएगा। वहीं ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी जाएगी। इसके साथ ही न्यूनतम पेंशन का लाब लेने के लिए 10 साल के सेवाकाल को पूरा करना अनिवार्य होगा।
व्यवस्था लागू करने के लिए मांगा ब्यौरा इस व्यवस्था को लागू करने के लिए विकास प्राधिकरणों और आवास बंधु के अधिकारियों से सातवां वेतनमान पाने वाले कर्मियों का ब्यौरा मांगा गया है। इसमें केंद्रीयत और अकेंद्रीयत सेवा के पेंशनर्स पर हो रहे व्यय व अलग-अलग सेवा के लोगों पर होने वाले खर्च की जानकारी भी शामिल है। अधिकारियों से इसकी जानकारी भी मांगी गई है कि अगर 31 जनवरी को कटऑफ डेट मान लिया जाए, तो कितने केंद्रीयत और अकेंद्रीयत पेंशनर्स को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। एरियर के बाबत भी जानकारी मांगी गई है।