डी0एम0 एवं एम0सी0एच0 छात्रों को प्रदान किया जाने वाला ‘प्रो0 आर0के0 शर्मा अवार्ड’ इम्यूनोलाॅजी विभाग के डाॅ0 विकास गुप्ता को दिया गया। दीक्षान्त समारोह में नीति आयोग के सदस्य डाॅ0 विनोद पाॅल मुख्य अतिथि तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा अपर मुख्य सचिव श्री दीपक त्रिवेदी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विशिष्टजन एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपनी सफलता में माता-पिता एवं गुरूजनों के त्याग को हमेशा याद रखें जिन्होंने आपको आज इस स्थान पर पहुंचाया है। विज्ञान में नित हो रहे परिवर्तनों पर नजर रखें। आज की स्पर्धा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है, इसलिए ज्ञान को निरन्तर बढ़ाते रहें। नये शोध से अपनी जानकारी बढ़ायें। ज्ञान का उपयोग समाज के लिये करें। समाज ने जो दिया है उसे समाज को वापस करने की प्रवृत्ति बनायें। रोगी चिकित्सक को भगवान के रूप में देखता है। ऐसे में चिकित्सक का व्यवहार उसका उत्साह बढ़ा सकता है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान एक आदर्श संस्थान है, जो स्वास्थ्य की अग्रणी संस्था के रूप में जाना जाता है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य प्रदेशों एवं देशों के लोगों का भी संस्थान पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि यहाँ ‘मेडिकल टूरिज्म’ को विकसित करने की आवश्यकता है।
नाईक ने कहा कि आज संस्थान में 162 उपाधियाँ प्रदान की गयी जिनमें 93 छात्र हैं और 69 छात्रायें हैं। उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा में बड़े परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। पूर्व में अन्य प्रदेशों के लोग उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा को पिछड़ा मानते थे। गत वर्ष सम्पन्न हुये सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोहों में लगभग 15.60 लाख उपाधियाँ प्रदान की गई जिनमें 51 प्रतिशत छात्रायें थी तथा पदक प्राप्त करने वालों में 66 प्रतिशत बेटियों ने प्राप्त किये। महिला सशक्तीकरण का एक चित्र सामने आ रहा है। गत वर्ष सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह 243 दिवसों में सम्पन्न हुए थे जबकि इस वर्ष 84 दिवसों में सभी राज्य विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समय से उपाधि प्रदान की जा रही हैं तथा उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा की गाड़ी पटरी पर आ गयी है।
विशिष्ट अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान प्रदेश का गौरवशाली संस्थान है। उन्होंने बताया कि कई वर्ष पहले सूचना के अधिकार के तहत स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी की उपाधि के बारे में डी0ए0वी0 कालेज कानपुर से जानकारी मांगी गयी। डी0ए0वी0 कालेज ने कानपुर विश्वविद्यालय को प्रकरण प्रेषित किया और कानपुर विश्वविद्यालय ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय से सूचना प्राप्त की जाये। आगरा विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति ने कहा कि इसका कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। आगरा विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति से मैंने फोन पर वार्ता की तथा पुराना रिकार्ड निकलवाया जिसके अनुसार 1947 में अटल जी ने डी0ए0वी0 कालेज से राजनीति शास्त्र से एम0ए0 किया था। उन्होंने कहा कि आज के उपाधि धारक कल किसी ऊंचे स्थान पर जा सकते हैं इसलिये अपनी उपाधि को संभाल कर रखें।
मुख्य अतिथि डाॅ0 विनोद पाॅल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि पी0जी0आई0 भारत और विशेषकर उत्तर प्रदेश के लिए एक रत्न है। यहाँ से निकलने वाले छात्रों को गर्व होना चाहिए। चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़े सपने देखें। शार्टकट से सफलता नहीं मिलती। उत्कृष्टता को अपनी आदत बनायें। उन्होंने उपाधि धारकों को सलाह दी कि संकाय की कमी देखते हुये शैक्षिक क्षेत्र में योगदान दें। विशेषज्ञों की कमी को पूरा करें। आत्मिक संतोष के बारे में सोचें। हर चीज केवल पैसा नहीं होती, इसलिये समाज के भरोसे को टूटने न दें। उन्होंने कहा कि स्वयं में बिना मानवीय गुण के किसी भी डिग्री का कोई अर्थ नहीं है।
नाईक ने कहा कि आज संस्थान में 162 उपाधियाँ प्रदान की गयी जिनमें 93 छात्र हैं और 69 छात्रायें हैं। उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा में बड़े परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। पूर्व में अन्य प्रदेशों के लोग उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा को पिछड़ा मानते थे। गत वर्ष सम्पन्न हुये सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोहों में लगभग 15.60 लाख उपाधियाँ प्रदान की गई जिनमें 51 प्रतिशत छात्रायें थी तथा पदक प्राप्त करने वालों में 66 प्रतिशत बेटियों ने प्राप्त किये। महिला सशक्तीकरण का एक चित्र सामने आ रहा है। गत वर्ष सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह 243 दिवसों में सम्पन्न हुए थे जबकि इस वर्ष 84 दिवसों में सभी राज्य विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समय से उपाधि प्रदान की जा रही हैं तथा उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा की गाड़ी पटरी पर आ गयी है।
विशिष्ट अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान प्रदेश का गौरवशाली संस्थान है। उन्होंने बताया कि कई वर्ष पहले सूचना के अधिकार के तहत स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी की उपाधि के बारे में डी0ए0वी0 कालेज कानपुर से जानकारी मांगी गयी। डी0ए0वी0 कालेज ने कानपुर विश्वविद्यालय को प्रकरण प्रेषित किया और कानपुर विश्वविद्यालय ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय से सूचना प्राप्त की जाये। आगरा विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति ने कहा कि इसका कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। आगरा विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति से मैंने फोन पर वार्ता की तथा पुराना रिकार्ड निकलवाया जिसके अनुसार 1947 में अटल जी ने डी0ए0वी0 कालेज से राजनीति शास्त्र से एम0ए0 किया था। उन्होंने कहा कि आज के उपाधि धारक कल किसी ऊंचे स्थान पर जा सकते हैं इसलिये अपनी उपाधि को संभाल कर रखें।
मुख्य अतिथि डाॅ0 विनोद पाॅल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि पी0जी0आई0 भारत और विशेषकर उत्तर प्रदेश के लिए एक रत्न है। यहाँ से निकलने वाले छात्रों को गर्व होना चाहिए। चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़े सपने देखें। शार्टकट से सफलता नहीं मिलती। उत्कृष्टता को अपनी आदत बनायें। उन्होंने उपाधि धारकों को सलाह दी कि संकाय की कमी देखते हुये शैक्षिक क्षेत्र में योगदान दें। विशेषज्ञों की कमी को पूरा करें। आत्मिक संतोष के बारे में सोचें। हर चीज केवल पैसा नहीं होती, इसलिये समाज के भरोसे को टूटने न दें। उन्होंने कहा कि स्वयं में बिना मानवीय गुण के किसी भी डिग्री का कोई अर्थ नहीं है।