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एसजीपीजीआई की नई तकनीक है बच्चों के लिए वरदान, नहीं होगी खून की उल्टी, जानें क्या है वेनिस बाइंडिंग तकनीक

locationलखनऊPublished: Mar 07, 2021 10:56:24 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

संजय गांधी पीजीआई (SGPGI)में नई तकनीक से बच्चों को जीवनदान मिलेगा। वह बच्चे जिनके खाने की नली में स्थित रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं और उन्हें खून की उल्टी होती है, उनके लिए एसजीपीजीआई की वेरीसेस वेनिस बाइंडिंग तकनीक स्थापित की है।

एसजीपीजीआई की नई तकनीक है बच्चों के लिए वरदान, नहीं होगी खून की उल्टी, जानें क्या है वेनिस बाइंडिंग तकनीक

एसजीपीजीआई की नई तकनीक है बच्चों के लिए वरदान, नहीं होगी खून की उल्टी, जानें क्या है वेनिस बाइंडिंग तकनीक

लखनऊ. संजय गांधी पीजीआई (SGPGI)में नई तकनीक से बच्चों को जीवनदान मिलेगा। वह बच्चे जिनके खाने की नली में स्थित रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं और उन्हें खून की उल्टी होती है, उनके लिए एसजीपीजीआई की वेरीसेस वेनिस बाइंडिंग तकनीक स्थापित की है। इस तकनीक में वेरीसेस वेन के फटने से पहले ही स्थित को देख कर बाइंडिंग कर खून की उल्टी रोकी जा सकती है। संस्थान के पिडियाड्रिक गैस्ट्रो इंट्रोलाजी विभाग के प्रो. मोइनक सेन शर्मा के मुताबिक नान सिरोटिक पोर्टल फाइब्रोसिस विशेष तरह की पोर्टल वेन की परेशानी है, जो इस वर्ग की परेशानी का 10 फीसदी होता है। इस तरह की परेशानी से ग्रस्त बच्चों में इंडोस्कोप तकनीक से खाने की नली में स्थित वेरीसेस वेन की बाइंडिंग कर रक्त स्राव को रोकने का प्रयास किया गया। इस प्रयास के बाद प्रभाव का अध्ययन किया तो पाया कि खून की उल्टी होने पर या इसकी आशंका होने पर दोनों स्थित में बाइडिंग मददगार साबित होगा।
क्या है पोर्टल वेनलिवर

पोर्टल वेन आंतों में खून को जमा करके लिवर तक ले जाती है। आंत में रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए आपस में एक रक्त वाहिका जुड़ी होती है। जहां पर तीन नसें आपस में मिलती हैं। उस स्थान को पोर्टल वेन कहा जाता है। खून की कमी या रुकावट होने पर रक्त संचार बाधित होता है जिससे नसों पर दबाव बढ़ जाता है। इसकी वजह से खाने की नली में स्थित रक्त वाहिका में भी दबाव होता है जो कई बार फट जाती है। शरीर खून पच जाता है जिस कारण गहरे रंग का मल, पेट फूलना, त्वचा में सूजी नस, नाभि के आस-पास बढ़ी हुई नसें (शिराएं) और खाना निगलने में परेशानी हो सकती है। रक्ता वाहिका प्रभावित होती है।
क्या करें बचाव

पीजीआई के गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के प्रो.अशोक कुमार के अनुसार, अगर किसी मरीज को ज्यादा कमजोरी महसूस हो या पेट में सूजन की शिकायत रहे, तो इसे सामान्य बीमारी समझ कर हलके में नहीं लेना चाहिए। यह लक्षण आंतों के कैंसर के हो सकते है। ऐसे मरीज को तेल व मसाले वाले खाने से परहेज करना चाहिए।
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