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लखनऊ

अब Heart Attack आने से पहले आपको चल जाएगा पता, SGPGI में होगा इलाज

अब आपको दिल की समस्या आने से पहले ही उसका पता चल जाएगा। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) Sanjay Gandhi Institute of Medical Sciences (SGPGI) ऐसा रास्ता खोजा है जिसमें दिल के दगा देने से पहले उसकी हरकत का पता चल जाएगा।

लखनऊJul 22, 2019 / 02:14 pm

आकांक्षा सिंह

heart attack

लखनऊ. अब आपको दिल की समस्या आने से पहले ही उसका पता चल जाएगा। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) Sanjay Gandhi Institute of Medical Sciences (SGPGI) ऐसा रास्ता खोजा है जिसमें दिल के दगा देने से पहले उसकी हरकत का पता चल जाएगा। दरअसल, बस्ती निवासी 40 वर्षीय विपिन शुक्ला को लंबे समय से घबराहट की परेशानी थी, जबकि सात से आठ किमी चलने पर कोई दिक्कत नहीं होती थी। सीढ़ी भी चढ़ते थे। घबराहट की जांच के लिए वह पीजीआइ (PGI) के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. सुदीप के पास आए। ईसीजी (ECG) सहित कुछ जांचें हुईं, वजह पता नहीं चली। इस पर प्रो. सुदीप ने मायोकार्डियल परफ्यूजन इमेजिंग (एमपीआइ) Myocardial perfusion imaging (MPI) जांच कराई। उसमें दिल की परेशानी के कुछ संकेत मिले। एंजियोग्राफी (Angiography) की तो दिल की एक रक्त वाहिका में रुकावट मिली, जिसे स्टेंट लगाकर दूर कर दिया। अब उन्हें हार्टअटैक की संभावना खत्म हो गई है। प्रो. सुदीप की मानें तो हार्ट अटैक के बाद इलाज सामान्य प्रक्रिया है, मगर आशंका का पहले पता लगाकर दिल दुरुस्त करने से भविष्य की चिंता खत्म हो जाती है।

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एमपीआइ और पेट स्कैन खोलता दिल के राज

न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग (Nucleus Medicine Department) के प्रमुख प्रो. एस. गंभीर के मुताबिक, मायोकार्डियल परफ्यूजन जांच (Myocardial perfusion probe) में हम मीबी नाम की आइसोटोपिक दवा (Isotopic medicine) इजेंक्ट करते है। ऐसा करने के कुछ देर बाद गामा कैमरे में दिल की मांसपेशियों की हलचल देखते हैं। फिर मरीज का स्ट्रेस (दौड़ाकर) देखते हैं कि कहीं मेहनत के दौरान रक्त प्रवाह तो कम नहीं हो रहा। यदि रक्त प्रवाह कम है तो कहीं रुकावट है। इसके अलावा पेट (पॉजीट्रान इमेशन टोमोग्राफी) (Positron animation tomography) के जरिए भी पता लगाया जा सकता है कि दिल के किस हिस्से में कितना रक्त प्रवाह है। यह बेहद संवेदनशील जांच होती है।

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KGMU में बनेगा मेंटल हेल्थ सेंटर (Mental Health Center)

केजीएमयू (KGMU) में जल्द ही जीरियाटिक मेंटल हेल्थ सेंटर (Geriatrics Mental Health Center) खुलेगा। यहां 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का इलाज किया जाएगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने वर्ष 2010-11 में नेशनल प्रोग्राम फॉर द इल्डरली (National Program for the Elderly) शुरू किया था। इसके तहत देश भर में मेंटल हेल्थ सेंटर खोले जा रहे हैं। वहीं केजीएमयू ने भी मेंटल हेल्थ सेंटर खोलने का प्रस्ताव भेजा था। केंद्र सरकार ने सेंटर मंजूरी के साथ-साथ धन की भी स्वीकृत दे दी है। इसके भवन पर करीब तीन करोड़ 47 लाख रुपये का बजट खर्च होगा। ऐसे में केजीएमयू ने सेंटर निर्माण की धन जारी करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है। सेंटर में 30 बेड होंगे।

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