शाही इमाम सयैद अहमद बुखारी ने अपील करते हुए कहा कि 18 मार्च को शब ए बारात भी है। यह रात इबादत की रात है । गुनाहों से माफी मांगने की रात है। आमतौर पर मुस्लिम युवक हुड़दंग किया करते हैं । बाजारों में शोर मचाते हैं। कई बार कुछ नौजवान करतब दिखाते हुए जख्मी तक हुए और जान तक चली गई है । मैं यह अपील करता हूं माता पिताओं से और क्षेत्रों की जिम्मेदार लोगों से कि वह अपने बच्चों को यह सब करने से रोकें और घरों में या इलाके की मस्जिदों में जाकर ही इबादत करें।
इसे भी पढ़े: दरअसल शब ए बारात की रात मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रिस्तान पर जाकर मुर्दो के मगफिरत के लिए दुआ मांगते है। कब्रिस्तान की साफ-सफाई कर लोग अपने पूर्वज माता पिता व अन्य लोगों के लिए दुआ पढ़ कर उनके आत्मा के लिए शबाब पहुंचाते हैं और गुनाहो के लिए माफी तलब करते हैं।
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