यश, आयु और आरोग्य की वृद्धि आज के दिन देवी कूष्मांडा की पूजा की जाताी है। कूष्मांडा शब्द दो शब्दों यानि कुसुम मतलब फूलों के समान हंसी और आण्ड का अर्थ है ब्रह्मांड। अर्थात वो देवी जिन्होनें अपनी फूलों सी मंद मुस्कान से पूरे ब्रह्मांड को अपने गर्भ में उत्पन्न किया है। देवी कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। साथ ही हाथ में अमृत कलश भी है। मां की पूजा करने से यश, आयु और आरोग्य की वृद्धि होती है। मां ती सवारी सिंह है जो कि धर्म का प्रतीक है। मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग अतिप्रिय है। इसलिए मां कूष्मांडा को आज के दिन मालपुए का भोग चढ़ाना चाहिए।
पूजन विधि सुबह स्नान करने के बाद हरे रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद पूजा के दौरान देवी को हरी इलायची, सौंफ और कुम्हणे का भोग लगाएं। फिर “ओम कूष्मांडा दैव्यै: नम:” मंत्र का 108 बार जाप करें। मां कूष्मांडा की आरती उतारें और प्रसाद चढ़ाएं।
मां कूष्मांडा की पूजा करने के लिए मंत्र सुरासंपूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे। ये भी पढ़ें: नारी सुरक्षा के लिए हुआ ‘मिशन शक्ति’ का आगाज, हर थाने में होगी महिला हेल्प डेस्क, यूपी पुलिस में 20 प्रतिशत बेटियों की भर्ती
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