बीजेपी के खिलाफ एकजुट होना जरूरी शेहला रशीद के मुताबिक, देश में अभी जो माहौल है उसे देखते हुए बीजेपी व उसके सहयोगी संगठनों के खिलाफ एकजुट होना बेहद जरूरी है। बीते दिनों यूपी उपचुनाव के नतीजों ने विपक्षी दलों को एक नई उम्मीद दी है। सपा-बसपा की तरह पूरे देश में विपक्षी दल अगर मुद्दों के आधार पर एकजुट होते हैं तो जनता की आवाज बेहतर तरीके से उठा पाएंगे। छात्र राजनीति में भी एबीवीपी के खिलाफ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तहत दूसरे छात्रसंगठनों को भी साथ आना चाहिए। मुद्दों के आधार पर ही ये संभव है। आने वाले आम चुनाव में भी इसका काफी असर पड़ेगा।
एंटी सेक्चुअल सेल बने जेएनयू में प्रोफेसर के खिलाफ लगे हैरेसमेंट के आरोप पर दोनों छात्र नेताओं ने कहा कि देश के सभी शिक्षण संस्थानों में एंटी सेक्चुअल सेल बननी चाहिए। ऐसा होने से पीड़ित छात्राओं को काफी मदद मिलेगी और इन मामलों में कमी भी आएगी। शेहला के मुताबिक शिक्षण संस्थानों में लगातार शोषण के मामले आ रहे हैं। कई प्रोफेसरों की सत्ता दलों का पहुंच है, इस कारण वे बच जाते हैं लेकिन ऐसे लोगों को बेनकाब करने का वक्त आ गया है।
छात्र राजनीति के बदलते मायने शेहला राशिद का कहना है कि लिंगदोह कमिटी की जो सिफारिशें लागू की गईं उनमें बदलाव की बेहद जरूरत है। इन सिफारिशों के कारण छात्र राजनीति अपने मूल्यों से भटकी है। शेहला से जब ये पूछा गया कि क्या अगर 2019 में कोई विपक्ष दल उन्हें अपने टिकट पर चुनाव लड़ाना चाहे तो वह लड़ेंगी…इसके जवाब में शेहला ने कहा कि वे सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे। चुनाव लड़ने के बारे में सोचा नहीं लेकिन इंकार भी नहीं कर सकतीं। लोकतंत्र में जनता की आवाज उठाने के लिए चुनाव में उतरना भी बेहतर एक ऑप्शन है।
राष्ट्रवाद के नाम पर बीजेपी दे रही धोखा मोहित पांडे के मुताबिक राष्ट्रवाद के नाम पर बीजेपी युवाओं को ठग रही है। यही कारण है कि तमाम आंदोलन खड़े हो रहे हैं। बीजेपी पर इसका जवाब नहीं कि पिछले चार साल में कितने लोगों को नौकरियां दी। यूपी में भी योगी सरकार पर इस बात का जवाब नहीं होगा कि पिछले एक साल में युवाओं के लिए क्या किया।
अब लड़कियां उठाने लगी हैं आवाज शेहला के मुताबिक, पहले के मुकाबले अब लड़कियां अपनी आवाज ज्यादा बुंलद करने लगी हैं। ये एक अहम बदलाव है। ऐसी लड़कियों का साथ देना चाहिए। सोशल मीडिया ट्रोलर्स डरपोक होते हैं जो स्वतंत्र आवाज दबाने की कोशिश करते हैं।