जो निम्न है…………….. 1-जिन मंडियों को केंद्र सरकार समाप्त करना चाहती है, उन मंडियों में शिवपाल सिंह यादव के उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए किसानों की फसलों को एम.एस.पी. से अधिक रेट पर खरीदा गया था, इसलिए मण्डियों का रहना किसान हित में है, बस मंडियों व किसानों के प्रति सकारत्मक सोच रखने की आवश्यकता है।
2-किसानों मजदूरों के लिए बिजली, पानी, डीजल, पेट्रोल, खाद, बीज, सड़कों व कृषि यंत्रों व कृषि भूमि खरीद फरोख्त को टैक्स फ्री किया जाए। 3 -सरकार द्वारा जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, उन फसलों को सभी कार्य दिवसों में सरकारी खरीद सुनिश्चित करने का प्रावधान किया जाए ।
4-श्रम कानूनों में संशोधन कर किसानों के श्रम (मेहनत/मजदूरी) को संवैधानिक अधिकार दिया जाना सुनिश्चित किया जाए, अर्थात मनरेगा के बराबर पूरे साल यानि 365 दिन की मजदूरी जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गणना की जाए।
5- किसान, मजदूरों की संपत्ति का आकलन सर्विल रेट से करके उनकी आवश्यकतानुसार ऋण दिया जाए जिसका किस्तों में भी भुगतान करने का प्रावधान किया जाए। 6-खाद्य पदार्थों, पेय पदार्थों व दवाइयों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध कठोर कानून का प्रावधान किया जाये।
7- किसान का बकाया भुगतान किसी भी संस्था पर हो, उसे उसकी बकाया धनराशि पर दण्ड ब्याज दिया जाये। इस अवसर पर शिवपाल यादव ने कहा कि किसान संकट का हल सही मायनों में हल चलाने वाला ही निकाल सकता है।
शिवपाल यादव ने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने छोटूराम, चौधरी चरण सिंह व महेंद्र सिंह टिकैत के बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया है। मनवीर सिंह तेवतिया ने कहा कि सरकार स्वाभिमानी अन्नदाताओं के धैर्य की परीक्षा न ले । फ़िल्म निर्माता अजय सिंह सैंथवार ने कहा कि वह जल्द ही शिवपाल सिंह के व्यक्तित्व पर फ़िल्म बनाएंगे।