सदन में शिवपाल यादव ने सरकार और मुख्यमंत्री की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ अच्छे काम किये हैं, लेकिन इसके साथ ही ख़राब कानून-व्यवस्था का भी जिक्र होना चाहिए। शिवपाल यादव ने सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रदेश का नेतृत्व ईमानदार मुख्यमंत्री के हाथों में है। मुख्यमंत्री मेहनती हैं। लेकिन पुलिस संवेदनशील नहीं है, अभी पुलिस को कसने की ज़रूरत है।
इस बीच विपक्षी दलों के कुछ ऐसे भी विधायक भी रहे, जिन्होंने पार्टी लाइन छोड़ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। इनमें कांग्रेस की अदिति सिंह, बसपा के अनिल सिंह (Anil Singh) और सपा के नितिन अग्रवाल (Nitin Agrawal) के नाम शामिल हैं। इसी सूची में अब एक और नाम गुरुवार को शामिल हो गया। बसपा विधायक असलम रायनी विधानसभा पहुंचे और कार्यवाही में शामिल हुए।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दल विरोधी कानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए 4 सितंबर को याचिका दी। सपा की इस याचिका पर आखिरी फैसला विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित को लेना है। शिवपाल यादव ने सपा में अखिलेश यादव से मनमुटाव के बाद अलग पार्टी बना ली है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशी खड़े किए। हालांकि पार्टी को कोई जीत नहीं मिली और खुद शिवपाल यादव फिरोजाबाद से हार गए, लेकिन कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी की हार के पीछे शिवपाल यादव की भूमिका को अहम माना जा रहा है।