लखनऊ

शिवपाल यादव कर रहे सपा से गठबंधन की कोशिश, प्रसपा नेता परेशान.. किस सीट पर हो रही बात?

उत्तर प्रदेश चुनाव की गर्मी मौसम में बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग की कुछ दिन बाद होने वाली घोषणा को अभी से लोग महसूस करते हुए आंकलन लगाने लगे हैं। लेकिन सपा और प्रसपा के गठबंधन पर अभी भी संशय बना हुआ है।

लखनऊNov 30, 2021 / 04:04 pm

Dinesh Mishra

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने भले ही अपनी खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी मे जुटें हों, लेकिन अभी भी लगातार उनकी कोशिश यही है कि समाजवादी पार्टी यानी अखिलेश यादव से उनका गठबंधन हो जाए। वहीं प्रसपा के समर्पित कार्यकर्ता एवं नेता इसी बात से परेशान हैं। इसका सबसे बड़ा डर भी इसी बात का है कि प्रसपा नेताओं की उनकी तैयारी वाली सीटों पर कहीं समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा तो उनका क्या होगा? जबकि अभी तक गठबंधन की बातें ही हो रही हैं इसे धरातल पर उतारकर अभी तक रूप नहीं दिया जा सका है। प्रसपा प्रदेश कमिटी के एक पदधिकारी की मानें तो इस पर दाबी ज़ुबान से सभी नेता परेशान हैं। क्योंकि वो क्षेत्र में पैसा खर्च कर रहे हैं। चुनावों की तैयारी में तेजी से लगे हुए हैं। इतना समय होने के बाद भी रिज़ल्ट कुछ नहीं आया।
शिवपाल यादव ने पूरा मन बनाया

पूर्व मंत्री और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने का मन बना लिया है और इसके लिए शिवपाल की कोशिशें भी जारी है। वहीं शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के साथ रहकर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। इसके लिए एक दिन पहले ही वो आजमखान से भी मुलाक़ात कर चुके हैं। लेकिन अभी तक अखिलेश यादव की ओर से हरी झंडी नहीं दी है।
प्रसपा के नेताओं की चिंता शिवपाल से बड़ी

शिवपाल यादव ने अपने सहयोगियों और प्रसपा के नेताओं की समस्या को बखूबी समझ रहे हैं। लेकिन उनका राजनीतिक करियर भी दांव पर लगा है। हालांकि एक मीटिंग के दौरान शिवपाल ने अपने कोर कमेटी के लोगों को इस बात को लेकर आश्वस्त किया है कि उनकी सीट उन्हें मिलेगी। इसके पहले कई मंचों से प्रसपा और सपा के गठबंधन में प्रसपा के नेताओं का ध्यान रखा जाए इस बात को भी वो बतौर संदेश पहुंचा चुके हैं। इसके बावजूद प्रसपा नेताओं के चेहरे पर चिंता स्पष्ट देखी जा सकती है।
कितनी सीटों पर होगी बात ?

प्रसपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं के माथे पर चिंता देखी जा रही है तो उनके बीच विभिन्न बिन्दुओं समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद प्रसपा को कितने सीटें मिलेगी, किन सीटों पर प्रसपा के नेताओं से ज्यादा प्रभावशाली समाजवादी पार्टी के नेता होंगे, क्या प्रसपा नेता को स्वयं चुनाव ना लड़कर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का प्रचार करना होगा, पर मंथन हो रहा है।
बीते कुछ दिनों में शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के पुराने कद्दावर नेताओं से सम्पर्क साधा है। इस दौरान शिवपाल सीतापुर जेल में बंद आजम खान से भी मिले हैं। आजम से मिलने के बाद शिवपाल यादव ने भाजपा सरकार पर तीखी टिप्पणी भी की है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव फिलहाल छोटे राजनीतिक दलों से गठबंधन कर रहे हैं। गठबंधन से जुड़ी पार्टियों के कार्यक्रमों में भी जा रहे हैं। अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ किसी प्रकार के गठबंधन पर उन्होंने एक बयान में कहा था कि गठबंधन में आने वाले सभी दलों का ख्याल रखा जायेगा।
मुलायम के बर्थडे पर हुई थी एक होने की कोशिश

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर माना जा रहा था कि शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव के साथ मंच पर दिखायी देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शिवपाल यादव ने शाम के वक्त अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से उनके आवास पर अकेले में मुलाकात की।

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