मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस मुद्दे पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए गए हैं। एक ट्वीट में संजय राउत को टैग करते हुए लिखा गया है, ‘एक भूखा बच्चा ही अपनी मां को ढूंढता है। यदि महाराष्ट्र सरकार ने ‘सौतेली मां’ बन कर भी सहारा दिया होता तो महाराष्ट्र को गढ़ने वाले हमारे उत्तर प्रदेश के निवासियों को प्रदेश वापस न आना पड़ता।’
एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि उद्धव ठाकरे के व्यवहार के लिए मानवाता कभी माफ नहीं करेगी। अपने खून पसीने से महाराष्ट्र को सींचने वाले कामगारों को शिवसेना-कांग्रेस की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला। लॉकडाउन में उनसें धोखा किया, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और घर जाने को मजबूर किया। इस अमानवीय व्यवहार के लिए मानवता उद्धव ठाकरे को कभी माफ नहीं करेगी।
प्रवासी मजदूरों को लेकर हमलावर हुए संजय राउत सामना के संपादकीय में राउत ने लिखा, ‘सीएम योगी द्वारा यूपी में प्रवासियों के खिलाफ किए गए अत्याचार यहूदियों के खिलाफ हुए अत्याचारों के जैसे हैं। देशभर से आने वाले मजदूरों को उनके मूल स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं है।’ बता दें कि हाल ही में यूपी के सीएम ने जिले के अधिकारियों को पैदल, साइकल या ट्रकों पर आने वाले प्रवासी मजदूरों को रोकने का आदेश दिया था। हालांकि साथ में उन्होंने यह भी कहा था कि अधिकारी मजदूरों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करें और उन्हें बसों से उनके गांवों तक पहुंचाएं।