लखनऊ

अयोध्या के बाद अब बद्रीनाथ पर भी मुस्लिमों ने ठोंका दावा, मस्जिद के बाद अब किया ये बड़ा ऐलान !

लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले श्री श्री रविशंकर, देवबंद के मौलाना का बयान- बद्रीनाथ धाम नहीं, बद्रीशाह है…

लखनऊNov 15, 2017 / 01:52 pm

Hariom Dwivedi

लखनऊ. अयोध्या के राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मुद्दे पर मध्यस्थता कर रहे आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने सीएम आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करीब आधे घंटे की मुलाकात की। माना जा रहा है कि दोनों के बीच अयोध्या के मंदिर-मस्जिद विवाद के निपटारे पर बातचीत हुई है। लखनऊ आगमन से पहले मथुरा में श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में अब राम मंदिर निर्माण को लेकर सकारात्क आसार बन रहे हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद श्री श्री रविशंकर 16 नवंबर को अयोध्या जाएंगे, जहां वह मंदिर और मस्जिद के पक्षकारों मुलाकात कर विवाद का हल निकालने की कोशिश करेंगे। संभव है कि अयोध्या मामले पर कुछ हल निकले। इससे पहले बुधवार को फैजाबाद के जीआईसी मैदान में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने श्री श्री रविशंकर की पहल को सराहा था। उधर, देवबंद के मौलाना ने बद्रीनाथ को बद्रीशाह बताते हुए हंड़कंप मचा दिया है।
श्री श्री रविशंकर का दावा है कि वो मंदिर-मस्जिद विवाद का हल सुलझा लेंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर वह शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ ही हिंदू पक्षकारों से भी मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा भी वह अयोध्या के कई संत-महंतों से भी मुलाकात करने कर चुके हैं। इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वह 16 नवंबर को अयोध्या जा रहे हैं, जहां मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर दोनों पक्षकारों से सहमति बनाने का प्रयास करेंगे।
सहमति बनाने का प्रयास करेंगे श्री श्री रविशंकर
श्री श्री रविशंकर गुरुवार सुबह अयोध्या पहुंचेंगे। जहां वह राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, न्यास के सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती के अलावा मस्जिद के पैरोकार स्वर्गीय हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी से मुलाकात करेंगे। श्री श्री रविशंकर के प्रवक्ता ने कहा कि उनके पास कोई फॉर्मूला नहीं है, वे मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर पक्षकारों को एक प्लेटफार्म दे रहे हैं, जहां सब मिलकर आपसी समझौते से इस विवाद को सुलझा सकते हैं।
देवबंद दारुल उलूम ने बदरीनाथ को बताया मुस्लिम धर्मस्थल
एक ओर जहां अयोध्या में राम मंदिर और मस्जिद का मुद्दा आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास हो रहा है, वहीं बद्रीनाथ धाम पर देवबंदी उलूमा के नये बयान से हंगामा मच गया है। देवबंद के मदरसा दारुल उलूम निशवाह के मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने कहा है कि बद्रीनाथ धाम बद्रीनाथ नहीं, बल्कि मुसलमानों का बदरुद्दीन शाह धाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि इतिहास के मुताबिक, बद्री शाह का नाम वापल लौटाया जाए और बद्रीनाथ धाम को मुसलमानों के हवाले किया जाए। बद्रीनाथ पर उलेमा का यह बयान उत्तराखंड के रक्षा अभियान दल के उस बयान के बाद आया है, जिसमें दल ने कहा था कि जो बद्रीनाथ धाम में वही मुसलमान रह सकते हैं, जो गोमूत्र और गंगाजल पिएंगे।

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