भगवान के संकीर्तन का महत्व बताते हुये उन्होंने कहाकि स्वंय भगवान श्रीकृष्ण ने जिस समय पूतना का वध किया उस समय सारे ग्वालवालों ने भगवान के दीघायु होने के लिये भगवान के नाम का संकीर्तन किया। इससे यह सिद्ध होता है कि भगवान का नाम स्वंय भगवान से बढ़कर है। पूज्या लक्ष्मी प्रिया ने कहाकि श्रीराम कथा हमें जीने की कला सिखाती है और श्रीमद भागवत कथा हमारी मृत्यु सुधारती है। प्रसंग से लक्ष्मी प्रिया ने बताया कि मोह का नशा दिखाई भी नहीं देता और ऐसा चढ़ता है कि उतरता ही नहीं। लेकिन जो सत्संग का आश्रय करते हैं वह हर समय परमात्मा की कृपा के पात्र भगवान के सन्निकट होते है। उन्होंने कहाकि कथा श्रवण करने से शांति मिलती है। आनंद आता है, इसलिये हमें अभिमान नहीं करना चाहिए।