भर्तियों के लिए एक ही आयोग जानकारी हो कि प्रदेश में अभी तक उच्च शिक्षा विभाग में सहायक आचार्य अौर प्राचार्यों की भर्ती उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (UPHESC) के जरिए होती है। माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल स्पीकर और एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से होती है, तो सहायक प्राप्त हाइस्कूल और इंटर कॉलेजों के लिए भर्तियां माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग करता है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा नियामक प्राधिकारी के जरिए होती है।
तीन श्रेणियों के लिए नियुक्ति क श्रेणी- उच्च शिक्षा विभाग में सहायक आचार्य व महाविद्यालयों के प्राचार्य। सहायक आचार्य की भर्ती के लिए सामान्य ज्ञान एवं संबंधित विषय की लिखित परीक्षा और इंटरव्यू होगा। आचार्य एवं महाविद्यालयों के प्राचार्य की नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्धारित मानक से की जाएगी इंटरव्यू के लिए अलग से आधारित करने का प्रस्ताव है।
ख श्रेणी- माध्यमिक शिक्षा में प्रिंसिपल स्पीकर एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती। इसमें संबंधित विषय और सामान्य ज्ञान की लिखित परीक्षा तथा इंटरव्यू होगा। मेरिट का निर्धारण लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों के साथ करने का प्रस्ताव है।
ग श्रेणी- प्राथमिक शिक्षा के सहायक अध्यापकों की भर्ती। सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए भाषा ज्ञान, शिक्षक अभिरुचि ,समान अध्ययन पर आधारित लिखित परीक्षा होगी। इंटरव्यू नहीं होगा। इसमें टीईटी या सीटीईटी के प्राप्त अंकों के 1/4 अंक तथा लिखित परीक्षा के अंक के आधार पर तैयार मेरिट से चयन करने का प्रस्ताव है।
नोटरी अधिवक्ता के पांच हजार नए पद बढ़ाने की तैयारी प्रदेश सरकार ने वकालत की प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ताअों के लिए खुशखबरी दी है। नोटरी अधिवक्ता के रूप में नए अवसर दिलाने की योजना पर काम कर रही है। प्रदेश में नोटरी अधिवक्ता के पांच हजार नए पद सृजित करने का प्रस्ताव है। इस समय 4813 पद उपलब्ध हैं।
नोटरी अधिवक्ता इस तरह होती है नियुक्ति बता दें कि प्रदेश में नोटरी अधिवक्ता की दो तरह से नियुक्ति होती हैं। केंद्र सरकार व राज्य सरकार तय संख्या में नौकरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति कर सकते हैं। प्रदेश में 2188 नोटरी अधिवक्ता की नियुक्ति केंद्र सरकार जबकि 2625 राज्य सरकार कर सकते हैं। नई नौकरी अधिवक्ता की नियुक्ति तभी संभव होती है। जब मौजूदा नोटरी अधिवक्ता रिटायर हो, उसकी मृत्यु हो या किसी आरोप में उसे हटाया जाए।
ये होंने नियम -10 साल या अधिक की प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता महिला व एससी एसटी ओबीसी के लिए न्यूनतम 7 साल की प्रैक्टिस की आवश्यक होगी। -केंद्र विधि सेवा के अधिकारी भी पात्रता रखते हैं।
-10 साल का अनुभव रखने वाले न्यायिक सेवा के अधिकारी राज्य या केंद्र सरकार के अधीन विधि विशेषज्ञ के रूप में सेवा देने वाले अधिवक्ता व सैन्य बलों की विधि विभाग में काम करने वाले भी।