एसआईटी ने पुलिस से मांगी थी सुरक्षा वहीं इससे पहले एसआईटी ने आजम खां की पेशी के समय उनके लिए खतरे की आशंका भी जताई थी। जिसको देखते हुए एसआईटी ने पुलिस से उनको सुरक्षा व्यवस्था देने की भी मांग की। एसआईटी ने इसके लिए एसपी ट्रांस गोमती को लेटर भी लिखा। जानकारी के मुताबिक SIT इस मामले में जल निगम के एमडी रहे पीके आशुदानी, आजम खां के निजी सचिव रहे सैयद अफाक अहमद और विभाग के तत्कालीन सचिव एसपी सिंह समेत 9 लोगों से पहले ही पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में अब तक सौ से ज्यादा असिस्टेंट इंजीनियरों को योगी सरकार बर्खास्त कर चुकी है। वहीं अब तक 8 बड़े अफसरों के बयान भी एसआईटी दर्ज कर चुकी है। वहीं योगी सरकार द्वारा जल निगम भर्ती घोटाले की जांच मिलने पर एसआईटी ने 22 सितंबर जल निगम के मुख्यालय पर छापा मारा था।
आजम खां ने साधा निशाना सोमवार को एसआईटी दफ्तर में करीब दो घंटे आजम खां से पूछताछ हुई। इस दौरान आजम खां के नजदीकी पूर्व सचिव, नगर विकास एसपी सिंह को सामने बैठाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद आजम खां ने वर्तमान यूपी की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। आजम खां ने कहा कि लोग मेरे दामन पर दाग लगाना चाहते हैं। इन्होंने यहां बुलाकर मेरे चेहरे पर कालिख लगाई है। आजम ने कहा कि मैंने कोई गलत काम नहीं किया। हमारी सरकार में गरीबों को भी नौकरियां दी जाती थीं। हमने बेरोजगारों को नौकरी देने का काम किया। आजम खां ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये कुछ करें या न करें, लेकिन इन्होंने मेरा नाम चोरों की लिस्ट में शामिल कर दिया। उन्होंने कहा कि इन्हें धन्यावाद देना चाहता हूं कि एक ऐसे आदमी पर इल्जाम लगाए हैं, जिसने आज तक एक गाड़ी तक नहीं खरीदी।
सपा सरकार में हुई थीं भर्तियां आपको बता दें कि पिछली समाजवादी सरकार के दौरान जल निगम में 1300 पदों पर भर्तियां हुई थीं। इन भर्तियों में सहायक अभियंता और अपर अभियंता के साथ लिपिकों की भी भर्तियां हुई थी। इसमें अभियंताओं की भर्तियों में धांधली के आरोप लगे थे। जिसके बाद उत्तर प्रदेश में सत्ता बदलते ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिकायतों के आधार पर 13 जुलाई 2017 को इसकी जांच एसआईटी को सौंप दी थी। बीजेपी सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि समाजवादी सरकार के कार्यकाल में हुई सभी सरकारी विभाग की भर्तियों की जांच करवाएंगे।