scriptयूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, बिजली महंगी करने का प्रस्ताव होगा खारिज | Slab change proposal to make electricity costlier in UP will rejected | Patrika News

यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, बिजली महंगी करने का प्रस्ताव होगा खारिज

locationलखनऊPublished: Jun 22, 2022 01:25:36 pm

Submitted by:

lokesh verma

उत्तर प्रदेश करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रदेश में बिजली दरें बढ़ाने के पावर कारपोरेशन के प्रस्‍ताव के प्रेजेंटेशन को आयोग ने रोक दिया है। उम्मीद है कि इसे अब खारिज किया जाएगा। इसके साथ ही आयोग के चेयरमैन ने बिजली दरें घटाने के भी संकेत दिए हैं।

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यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, बिजली महंगी करने का प्रस्ताव होगा खारिज।

यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश में बिजली दरें बढ़ाने के पावर कारपोरेशन के प्रस्‍ताव को बड़ा झटका लगा है। उम्‍मीद है क‍ि बिजली महंगी करने वाला स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव खारिज किया जाएगा। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली महंगी करने के स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव पर पावर कारपोरेशन को बैकफुट पर ला दिया है। प्रस्ताव का विज्ञापन नहीं निकालने को विद्युत नियामक आयोग ने गंभीरता से लेते हुए जनसुनवाई के दौरान पावर कारपोरेशन को प्रस्तुतीकरण करने से रोक दिया है।
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने कहा है कि जब न्यूज पेपर में विज्ञापन ही नहीं निकाला और दरें तक नहीं जारी की गईं तो प्रजेंटेशन दिखाने का क्या मतलब है? आयोग के सख्त रुख को देखते हुए अब माना जा रहा है कि स्लैब परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव को विद्युत वियामक आयोग खारिज करेगा। इस तरह बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलती नजर आ रही है। बता दें कि आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव पर जनसुनवाई की है।
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प्रेजेंटेशन शुरू होते ही रोका

बता दें कि इस जनसुनवाई में नियामक आयोग के चेयरमैन के साथ पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक और निदेशक शामिल हुए। इनके साथ ही विद्युत उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि और कई बिजली उपभोक्ता भी शामिल हुए। सबसे पहले बिजली कंपनियों ने एआरआर पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसके बाद कारपोरेशन ने स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव का प्रेजेंटेशन शुरू किया। जैसे ही प्रेजेंटेशन शुरू हुआ तो चेयरमैन ने सख्त टिप्पणी करते हुए उन्हें रोक दिया।
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घटाई जाए बिजली दरें

जनसुनवाई के दौरान परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा है कि आयोग ने 10.67 प्रतिशत वितरण हानियां तय की हैं तो कंपनियां का 17.5 प्रतिशत दिखाना अनुचित है। उन्होंने कहा कि कंपनियों पर उपभोक्ताओं के पहले से निकल रहे लगभग 22,045 करोड़ रुपये के स्थान पर बिजली दरें घटाई जाएं। एक साथ नहीं तो 5 वर्षों तक 7 प्रतिशत दर में घटाई जानी चाहिए। इसके साथ ही गांव के घरों में खुली दुकानों की बिजली को घरेलू श्रेणी में रखा जाए। उन्होंने कहा कि एक दशक में गांव की घरेलू और किसानों की बिजली दरों में 300 गुना तक वृद्धि का ब्योरा पेश करते हुए इनकी दरों में तत्काल कमी की जाए। 13 लाख किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को बिजली तो मुफ्त करने की बात है।
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