कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि जो कुछ हुआ जल्दबाजी और गलत सूचना की वजह से हुआ। मामला संज्ञान में आने के बाद जांच कराई तो पता चला कि खुशी ने अपराध नहीं किया है। कोर्ट खुलते ही चौबेपुर पुलिस द्वारा धारा 169 की अर्जी देकर उसे रिहा कराया जाएगा। इस बाबत एसएसपी ने आदेश भी जारी कर दिया है।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के भतीजे अमर की 29 जून को पनकी रतनपुर निवासी खुशी से शादी हुई थी। शादी का सारा इंतजाम विकास ने ही अपने घर पर किया था। पुलिस के मुताबिक यह शादी लड़की पक्ष की मर्जी के बगैर हथियारों के दम पर हुई थी। शादी के तीसरे दिन ही बिकरू कांड हो गया। अमर दुबे के फरार होने के बाद खुशी भी मायके चली गई थी। पुलिस के मुताबिक बिकरू कांड में 8 पुलिसवालों की हत्या में अमर दुबे की अहम भूमिका थी। 8 जुलाई को एसटीएफ ने मुठभेड़ में अमर दुबे को मार गिराया था। इसके बाद अमर दुबे के पिता और पत्नी खुशी को जेल भेज दिया था।
संजय सिंह ने उठाये थे सवाल
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने खुशी के माता-पिता की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा कि मात्र तीन दिन की सुहागिन थी इनकी बेटी, लेकिन यूपी पुलिस ने इस तीन दिन की सुहागिन के बाद विधवा हुई खुशी को कानपुर कांड के आरोपी और एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे के कारण जेल में रखा है। खुशी दुबे एक 400 रुपए दिहाड़ी कमाने वाले पेंटर की बेटी है। खुशी का जुर्म क्या है?