72 आरोपियों के नाम आ चुके हैं सामने विजिलेंस अपनी चार्जशीट में अब तक 72 आरोपियों के नाम सामने ला चुका है। खनन निदेशालय के संयुक्त निदेशक व सलाहकार रहे डॉक्टर सोहेल अहमद फारुकी, तत्कालीन खनन निदेशक रामबोध मौर्या समेत कई आईएएस अफसर, राजकीय निर्माण निगम के तमाम अधिकारी और इंजीनियर के साथ ठेकेदार और पत्थर सप्लाई करने वाली फर्मों के संचालक शामिल सामने आ चुके हैं।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई राशि वर्ष 2007-2011 के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारकों एवं उद्यानों के निर्माण व इससे जुड़े अन्य कार्यों में प्रयोग किए जाने वाले सैंडस्टोन की खरीद में अरबों रुपये का घोटाला हुआ था। इन स्मारकों में आम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल और मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल के साथ ही गौतमबु़द्ध उपवन, ईको पार्क और नोएडा का आम्बेडकर पार्क शामिल है। इन स्मारकों के लिए 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार रुपये का बजट आवंटित किया गया था। इसमें से 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार रुपये की धनराशि खर्च की गई थी। जब जांच की गई तो पता लगा कि खर्च की गई धनराशि से 14 अरब 10 करोड़ 50 लाख 63 हजार 200 रुपये विभागीय मंत्रियों व अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। लोकायुक्त की रिपोर्ट में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना की संस्तुति की गई थी। इस बीच, उच्च न्यायालय ने 27 अगस्त, 2021 को प्राथमिकी रद्द करने की बसपा के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की याचिका खारिज कर दी।